19 अक्टूबर 2025 को 10:17 pm बजे
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'सोनम वांगचुक प्रकरण: शांतिपूर्ण आंदोलन कुचलना लोकतंत्र के खिलाफ'

'सोनम वांगचुक प्रकरण: शांतिपूर्ण आंदोलन कुचलना लोकतंत्र के खिलाफ'

इंदौरः लद्दाख के पर्यावरणवादी वैज्ञानिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता और शिक्षाविद सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यह देश के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस व्यक्ति की पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा है, उसे बेबुनियाद आरोपों के आधार पर जेल में बंद किया गया है।

हम सोनम वांगचुक और उनके साथियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की माँग करते हैं। साथ ही, उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान हुई गोलीबारी में मारे गए चार लोगों की मृत्यु की न्यायिक जाँच करवाने की भी माँग करते हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के साथ वहाँ के लोगों को पृथक राज्य का आश्वासन दिया था। उस समय लद्दाख की जनता ने इस निर्णय का स्वागत किया था, जिसमें सोनम वांगचुक और उनके साथी भी शामिल थे। लेकिन सरकार ने जब वादे की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तब लद्दाख के लोगों ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने की माँग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू किया।

यह सर्वविदित है कि लद्दाख हिमालय की संवेदनशील पर्वतीय श्रेणी का हिस्सा है। वहाँ चल रही अंधाधुंध विकास परियोजनाएँ और खनन गतिविधियाँ न केवल स्थानीय पर्यावरण बल्कि देश के लिए भी दूरगामी खतरा पैदा कर रही हैं। लद्दाखी युवाओं की बढ़ती बेरोज़गारी भी असंतोष का एक प्रमुख कारण है।

सोनम वांगचुक और उनके साथियों का आंदोलन इन तमाम मुद्दों को लेकर है। ऐसे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन और लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना है।

हम पुनः यह माँग दोहराते हैं कि —

  • सोनम वांगचुक और उनके साथियों को तत्काल बिना शर्त रिहा किया जाए,
  • लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर छठी अनुसूची में शामिल किया जाए,
  • और आंदोलन के दौरान हुई हिंसा एवं मौतों की न्यायिक जाँच की जाए।