वाराणसी: साझा संस्कृति मंच ने आज शास्त्री घाट से जिला अधिकार कार्यालय तक मार्च निकाला और राष्ट्रपति महोदया को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
प्रमुख माँगें
- दमन और कर्फ्यू तत्काल समाप्त किया जाए
- अनुसूची 6 के अंतर्गत राज्य का दर्जा और अधिकारों की स्वीकृति दी जाए
- हिंसा और पुलिस गोलीबारी की न्यायिक जाँच कराई जाए
- हिमालय क्षेत्र की पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
सोनम वांगचुक की रिहाई की माँग
साझा संस्कृति मंच ने ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई, आंदोलनकारियों पर दर्ज मामलों की वापसी, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और अनुसूची 6 लागू करने की माँग की। संगठन ने कहा कि लद्दाखी लोग अपने अस्तित्व, भूमि और प्राकृतिक संसाधनों के अधिकार की रक्षा तथा लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हिंसा और सरकारी रवैये पर सवाल
24 सितंबर को सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया। मंच ने इसे झूठा बताया और कहा कि वे 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। हिंसा में 4 लोगों की मौत, 100 से अधिक घायल और कर्फ्यू लगाए जाने की कड़ी आलोचना की गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय और लेह के पुलिस महानिदेशक द्वारा वांगचुक को विदेशी एजेंट बताने के प्रयास को “देश के सामाजिक कार्यकर्ताओं का अपमान” करार दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस द्वारा नियमों का उल्लंघन कर अत्यधिक बल प्रयोग किया गया।
बेरोजगारी और जन असंतोष
साझा संस्कृति मंच ने बताया कि राज्य का दर्जा समाप्त करने और केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने से लद्दाख में बेरोजगारी तेज़ी से बढ़ी है। 2021-22 में स्नातक बेरोजगारी दर 9.8% थी, जो 2022-23 में बढ़कर 26.5% हो गई, जबकि राष्ट्रीय औसत 13.4% था। हाल में 534 सरकारी रिक्तियों के लिए 50,000 आवेदन आना लद्दाख में गहराते संकट को दर्शाता है।
कॉरपोरेट हित बनाम स्थानीय अधिकार
ज्ञापन में कहा गया कि स्थानीय लोगों की आजीविका पर आधारित भूमि, जंगल और झीलों को कॉरपोरेट कंपनियों को सौंपा जा रहा है। इससे चरागाह, पशुपालन, कृषि और मछली पकड़ने जैसे पारंपरिक पेशों पर खतरा है। इसे भारतीय संविधान के आदिवासी अधिकारों से जुड़े प्रावधानों के विरुद्ध बताया गया।
निष्कर्ष
साझा संस्कृति मंच ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक आंदोलनों और देशभक्त नेताओं को राष्ट्रविरोधी ठहराकर जेल में डाल रही है। यह कदम न केवल लद्दाख बल्कि पूरे देश के संवेदनशील नागरिकों को दुखी कर रहा है। संगठन ने लद्दाख के लोगों और सोनम वांगचुक के साथ एकजुटता जताई।
कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामधीरज, अशोक कुमार, अफलातून, संजीव सिंह, जागृति राही, एकता, नीति, टैंन, अरविंद कुमार, धन्नजय, रवि, पूजा, रोमान, मुस्तफा, अशोक भारत, पारमिता, सिस्टर फ़्लोरिन और इन्दु शामिल रहे।
प्रेषक:
जागृति राही
मो.: 76518 64879
साझा संस्कृति मंच, वाराणसी