20 सितंबर 2025 को 11:59 am बजे
0 views

BHU में हेरिटेज और पर्यटन पर व्याख्यान, ASI के पूर्व महानिदेशक ने किया संबोधित

BHU में हेरिटेज और पर्यटन पर व्याख्यान, ASI के पूर्व महानिदेशक ने किया संबोधित

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कला इतिहास एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा नौवां डॉ. एफ.सी. चोकोलिंगो एवं डॉ. ई.आर.चोकोलिंगो स्मृति व्याख्यान का भव्य आयोजन किया गया।
इस वर्ष के स्मृति व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. राकेश तिवारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व महानिदेशक रहे। उन्होंने "विरासत और पर्यटन का संगम " (HERITAGE & TOURISM: HAND IN HAND, Rediscovering Hidden Gems of Sonbhadra) विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
डॉ. तिवारी ने अपने व्याख्यान में वाराणसी से शुरू होकर सोनभद्र जिले तक फैले ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर स्थलों की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अहरौरा स्थित सम्राट अशोक के शिलालेख, लिखनिया जलप्रपात और प्रागैतिहासिक शैल चित्रों, भालदरिया, बरैला के शिव मंदिर, माहुअरिया वन्यजीव अभयारण्य जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का उल्लेख करते हुए इस समृद्ध क्षेत्र को एक समन्वित 'हेरिटेज पार्क' घोषित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कैसे इस क्षेत्र में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग तक मानव गतिविधियों के स्पष्ट चिन्ह मिलते हैं और कैसे यह समृद्ध विरासत स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं रखती है।
डा राकेश तिवारी ने विशेष सन्दर्भ लेकर अहरौरा, लखानिया, भादरिया का उदाहरण देते हुए भारतीय ज्ञान परम्परा में प्रगितिहस शैल चित्र पर प्रकाश डाला
यह भी बताते चले कि सोनभद्र स्थित सालखन फासिल पार्क को इस वर्ष यूनेस्को के टेंटेटिव धरोहरों कि लिस्ट में शामिल किया गया है / उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है जिसमे बीएचयू के भी विशेषज्ञ शामिल है
कार्यक्रम की शुरुआत विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर ज्योति के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने मुख्य अतिथि और वक्ता का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने "चोकोलिंगो लिविंग ट्रस्ट" के इतिहास के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि फ्रैंक सी. चोकोलिंगो और उनकी पत्नी, एवा मारिया आर. चोकोलिंगो ने 1986 में "चोकोलिंगो लिविंग ट्रस्ट" की स्थापना की थी। उनकी वसीयत के अनुसार, अकादमिक और शोध गतिविधियों के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भारतविद्या संकाय को एक दान दिया गया। कला संकाय के चार विभाग, यानी कला का इतिहास, दर्शनशास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व और संस्कृत, इसके लाभार्थियों में शामिल हैं और ये सभी वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन करते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर श्रीरूप रॉयचौधुरी, निदेशक, भारत कला भवन, बीएचयू ने अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. तिवारी के व्याख्यान की सराहना करते हुए विरासत के संरक्षण और शैक्षणिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. निशांत द्वारा किया गया। अंत में, डॉ. श्याजू ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह व्याख्यान विभाग के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, शोधार्थियों और विशेषज्ञों के लिए एक अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक अनुभव रहा।


कला इतिहास एवं पर्यटन प्रबंधन विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी
संपर्क: 9335415655