प्रयागराजः प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय, प्रयागराज में दिनांक 10 नवम्बर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह एवं स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ जैसे अनेक राष्ट्रवादी संगठनों के शिल्पकार, राष्ट्र-ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के 105वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में “स्वदेशी संकल्प दिवस” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति डॉ० अखिलेश कुमार सिंह ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि —
“दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने भारतीय चिंतन, श्रम एवं अर्थव्यवस्था को स्वदेशी दृष्टिकोण से जोड़कर आत्मनिर्भर भारत की वैचारिक नींव रखी। आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उनके विचार न केवल प्रासंगिक हैं, बल्कि भारत के विकास का पथ-प्रदर्शन करने में सहायक हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में राष्ट्रभाव, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी चेतना का संचार करते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो० आशुतोष कुमार सिंह, निदेशक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ ने कहा कि —
“स्वदेशी केवल आर्थिक विचार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है, जो हमें आत्मनिर्भरता के साथ-साथ नैतिकता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रेरित करता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी जी का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
कार्यक्रम की रूपरेखा गंगेश नारायण जी, प्रांत सह-समन्वयक, काशी प्रांत ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि —
“स्वदेशी संकल्प दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि एक विचार यात्रा है, जो हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे आयोजन छात्रों में राष्ट्रभाव, नवाचार और स्वदेशी चेतना का विकास करते हैं।”
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री मनोज कुमार जी, क्षेत्र संपर्क प्रमुख, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में कहा कि —
“दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने मजदूर, किसान और व्यापारी तीनों वर्गों के बीच एक समन्वित दृष्टि प्रस्तुत की। स्वदेशी का अर्थ केवल देश में बनी वस्तुओं का उपयोग नहीं, बल्कि अपने विचारों, श्रम और संसाधनों पर विश्वास करना है। जब भारत अपनी जड़ों से जुड़ेगा, तभी सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा।”
मुख्य अतिथि श्री विनय कुमार टंडन, अध्यक्ष, ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, प्रयागराज ने कहा कि —
“वर्तमान समय में उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में स्वदेशी का महत्व और भी बढ़ गया है। स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में सशक्त स्थान प्राप्त करेगा। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों में नवाचार और उद्यमिता की भावना विकसित करें।”
विशिष्ट अतिथि श्री राजीव नायर, काउंसिल मेंबर, ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, प्रयागराज ने कहा कि —
“स्वदेशी आंदोलन केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा है। आज के युवाओं को ठेंगड़ी जी की सोच को अपनाकर तकनीक और नवाचार के माध्यम से देश की सेवा करनी चाहिए।”
कार्यक्रम में डॉ० हिमांशु मौर्य, व्याख्याता, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज तथा मंगल जी, जिला प्रचारक की विशिष्ट उपस्थिति रही। दोनों ने ठेंगड़ी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किए तथा सभी प्रतिभागियों को स्वदेशी संकल्प के पालन हेतु प्रेरित किया।
डॉ० प्रदीप त्रिपाठी, सहायक आचार्य, व्यावहारिक अर्थशास्त्र विभाग ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का परिचय दिया।
स्वदेशी संकल्प का संचालन अंकित कुमार जी, पूर्णकालिक कार्यकर्ता, स्वदेशी जागरण मंच ने किया।
कार्यक्रम का संचालन शिवानी सिंह, शोधार्थी, हिन्दी विभाग द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० अलका मिश्रा, सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग ने बड़े सौहार्दपूर्ण एवं प्रेरणादायक शब्दों में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में कई संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की सक्रिय सहभागिता रही।
