वाराणसी: विगत मंगलवार 30 सितंबर को सब्जी खरीदकर हमारा मोर्चा के कार्यकारी संपादक कामता प्रसाद तिवारी अपने घर की ओर लौट रहे थे कि राजू मिश्रा नामक एक अल्कोहलिक उनके साथ बेहूदगी पर उतर आया और हाथा-पाई करने पर आमादा हो गया। उसे और शराब पीने के लिए पैसे चाहिए थे। बगल में ही परचून की एक दुकान है जहाँ पर शराब चोरी-चुपके बेची जाती है।
कामता प्रसाद ने 112 पर पुलिस कंट्रोल रूम को मामले की सूचना दी। बड़ागाँव थाने से दो पुलिस कर्मी गहरपुर-पुआरी कलाँ मोटरसाइकिल पर आए। राजू मिश्रा के पिता परमन मिश्रा को अपने बेटे की करतूत पर लाज क्या आए, खुद उसके बचाव में आ गए और उल्टे कामता प्रसाद को ही धमकाने लगे। कामता प्रसाद ने जब पुलिस कर्मियों से कहा कि आप लोग खुद देख लें कि राजू मिश्रा शराब के नशे में भुच्च है तो मौके पर मौजूद उसके चाचा कहने लगे कि क्या कर लोगे, मेरा एक बेटा हेरोइन पीता है और दूसरा दारू बेचता है और ये शब्द यकीनन पुलिस कर्मियों के कान में भी पड़े होंगे।
गहरपुर-पुआरी कलाँ गाँव में पिछड़ी जातियों के मजदूरों की तादाद अच्छी-खासी है और उनमें से अधिकांश शराबी हैं और दबी जबान से जिस-तिस से शराब पिलाने की माँग करते ही रहते हैं लेकिन उनमें से राजू मिश्रा की तरह से न तो कोई दबंगई करता है और न ही किसी की तवा-साइकिल चुराता है। इसी राजू मिश्रा ने दो साल पहले जबरन कामता प्रसाद के घर में घुसकर धोखे से उनकी बेटी का मोबाइल चुरा लिया था। मनबढ़ इतना ही कि चोरी पकड़े जाने पर भी दरवाजे पर आकर गालियाँ बक रहा था।
कामता प्रसाद ने बड़ागाँव के थानाप्रभारी से अपील की है कि राजू मिश्रा जैसे आपराधिक किस्म के शराबी और उसको शह देने वाले उसके कुटुंबजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई करें। बड़ागाँव के थानाप्रभारी से अपील की है कि राजू मिश्रा जैसे आपराधिक किस्म के शराबी और उसको शह देने वाले उसके कुटुंबजनों पर समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई करें। उन्हें उस वक्त का इंतजार नहीं करना चाहिए जब राजू मिश्रा जैसा शराबी और उसके लंपट परिजन किसी भले आदमी के साथ मारपीट करें तब पुलिस हरकत में आए। ऐहतियाती कदम उठाते हुए पुलिस को सबसे पहले तो परचून की दुकान पर से चोरी-छिपे शराब की बिक्री बंद करवानी चाहिए।