4 नवंबर 2025 को 05:36 pm बजे
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BHU: इम्तिहान की टेंशन को लेकर मगज़मारी, स्टूडेंट्स को पॉजिटिव बने रहने की मिली सीख

BHU: इम्तिहान की टेंशन को लेकर मगज़मारी, स्टूडेंट्स को पॉजिटिव बने रहने की मिली सीख

परीक्षा तनाव प्रबंधन कार्यशाला: “Campus Toolkit for Resilient Minds” ने बीएचयू छात्रों को सशक्त किया

“परीक्षा कोई युद्ध नहीं है जिसे जीतना है—यह एक यात्रा है स्वयं को समझने, विकसित करने और अपना श्रेष्ठतम व्यक्त करने की।”

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय की वेल-बीइंग सर्विसेज सेल द्वारा “Campus Toolkit for Resilient Minds: Strategies to Stay Calm and Excel in Exams” शीर्षक से एक प्रेरणादायक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा तनाव से निपटने के लिए व्यावहारिक और वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त करना था।
यह कार्यशाला एक संक्षिप्त, प्रमाण-आधारित कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत की गई, जिसमें शामिल थे:

· मानसिक दृढ़ता का निर्माण

· त्वरित शांति प्रदान करने वाली तकनीकें

· दीर्घकालिक अध्ययन की आदतों का विकास

ताकि छात्र परीक्षा के समय आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ आगे बढ़ सकें।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक आह्वान

कार्यक्रम समन्वयक एवं छात्र परामर्शदाता नित्यानंद तिवारी ने विषय की शुरुआत करते हुए कहा: “आज का विषय केवल एक नारा नहीं है—यह एक सामूहिक आह्वान है। बढ़ते शैक्षणिक दबाव के बीच, हम यहां एकत्र हुए हैं ताकि ऐसी रणनीतियाँ खोज सकें जो हमें शांत, केंद्रित और भावनात्मक रूप से संतुलित बनाए रखें। यह कार्यशाला एक ऐसे परिसर-संस्कृति की ओर कदम है जहाँ मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है।”
उन्होंने Examination Stress Management Clinic की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो छात्रों को चिंता, थकावट और परीक्षा भय जैसी समस्याओं से निपटने में गोपनीय सहायता और संसाधन प्रदान करता है।
“चिंता हो, थकावट हो या परीक्षा का डर—आप अकेले नहीं हैं। संपर्क करें, चिंतन करें और पुनर्निर्माण करें।”

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विशेषज्ञ मार्गदर्शन
छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने विशिष्ट वक्ता श्री राजवीर यादव का सम्मान किया और कल्याणकारी सेवा प्रकोष्ठ के सहानुभूतिपूर्ण प्रयासों की सराहना की।
श्री यादव ने परीक्षा तनाव के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इसे प्रेरणा में बदलने की रणनीतियाँ साझा कीं:

· माइंडफुलनेस और श्वास तकनीकें

· पोमोडोरो तकनीक पर आधारित अध्ययन योजना

· सकारात्मक आत्म-संवाद और कल्पना अभ्यास

· नींद, जल सेवन और डिजिटल अनुशासन

· संकल्पना आधारित तैयारी और उत्तर लेखन रणनीतियाँ

· परीक्षा को विकास का अवसर मानना

“परीक्षा आपकी योग्यता नहीं बताती—यह आपकी तैयारी का प्रतिबिंब है। शांत रहें, जिज्ञासु रहें और अपनी यात्रा पर विश्वास रखें।”

छात्र सहभागिता और प्रभाव
सत्र एक संवादात्मक मंच में परिवर्तित हो गया, जहाँ छात्रों ने गहन प्रश्न पूछे और श्री यादव ने सहानुभूति और स्पष्टता से उत्तर दिए। छात्रों ने वक्ता की सरल शैली और व्यावहारिक सुझावों की सराहना की, और कई ने इन तकनीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की इच्छा जताई।
छात्र परामर्श दाता नित्यानंद तिवारी ने कार्यशाला का समापन एक भावपूर्ण धन्यवाद के साथ किया:
“यह कार्यशाला वेल-बीइंग सर्विसेज सेल की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो एक सहानुभूतिपूर्ण और मानसिक रूप से सशक्त परिसर के निर्माण की दिशा में कार्यरत है। परीक्षा कोई युद्ध नहीं है जिसे जीतना है—यह एक यात्रा है स्वयं को समझने, विकसित करने और अपना श्रेष्ठतम व्यक्त करने की।”