वाराणसीः संयुक्त किसान मोर्चा (भारत) किसान जाग्रति संगठन अभियान एवं ग्राम स्वराज आंदोलन के महिला प्रकोष्ठ की मीटिंग बनारस में राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती शीलम झा भारती जी की अध्यक्षता में हुई जिसमें राजकुमार भारत मुख्य अतिथि, वरिष्ठ सर्वोदय किसान नेता, राष्ट्रीय संयोजक ग्राम स्वराज आंदोलन, एवं राष्ट्रीय मुख्य महासचिव संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली (भारत) ने देश भर से आई महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कितना खूबसूरत लगता है कि आपके कामों के आगे दुनिया सिर झुकाए?
नरगिस मोहम्मदी ने अपने ही मुल्क में औरतों की इज्जत, बराबरी और आजादी के लिए एक ज़ंग लड़ी,जिसकी वजह से वह आज भी जेल में बंद हैं।
मगर दुनिया ने उन्हें और उनके द्वारा किए गए कार्यों को नजरंदाज नहीं किया और शांति का सबसे बड़ा नोबेल पुरस्कार उन्हें देने की घोषणा कर दी हैं।
यह हम सभी के लिए खुशी की बात है। इससे हर वह नारी, मातृशक्ति बहन बेटी नवरात्रों में प्रसन्नचित एवं गोरवान्वित होगी और जो भी बहन भाई अपने देश में आज मानवता की सेवा सुख शांति समृद्धि रोजगार पैंशन शिक्षा स्वास्थ्य आवास जल जंगल जमीन से जुड़े हुए इन्सानियत के हक़ मे काम कर रहे हैं। अपने नस्लों और फसलों को बचाना है खुश होंगे।
राजकुमार भारत ने कहा नरगिस अपनी जिंदगी शांति पूर्ण तरीके से गुजार सकती थी वह चाहती तो आसानी से अच्छी नौकरी करती और अपने घर-परिवार की
फ़िक्र करती हुई सुकुन भरी जिंदगी गुजारती मगर नहीं…
उन्होंने तकलीफ भरा रास्ता मानवता की सेवा के लिए चुना।
सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट बनारस की प्रबंधक एवं सर्वोदय नेत्री शीलम झा भारती ने अपने अंदाज में बतलाया कि सिर्फ अपने लिए जीना, जीना नहीं हैं।
वह हर औरत की आजादी, बराबरी और उसकी जिंदगी की मुस्कुराहट के लिए हकुमत से भिड़ गई। नतीजतन उन्हें सख्त सज़ाएं दी गई, उन्हें कोड़े से मारने का हुक्म हुआ मगर वह फिर भी रुकी नहीं, झुकी नहीं।
हरियाणा से आई युवा नेत्री एवं किसान पुत्री ऋतुराज भारती ने कहा नरगिस डरी नहीं, झुकी नहीं माफ़ी नहीं मांगी और वह आज भी सलाखों में कैद हैं उसे भी अपने बालों का रंग बदलकर अपना हुलिया बदलकर देश-दर-देश भागना पड़ा था।
मगर नोबेल पुरस्कार पर लहालोट होने वालें यही पश्चिमी देश उसकी सांसों पर पहरा दिए बैठें हैं।
उसकी जिंदगी को नरक बना डाला हैं।
राजकुमार भारत, शीलम झा भारती, रितुराज भारती, रजत शर्मा अधिवक्ता, नूर हसन, बाल गोविंद,
डीएस निराला, रामगोविन्द, रामचंद्र आजाद, चन्द्र शेखर आजाद, प्रो० माया देवी, माया दशरथ धाढे, आशा शिकरकार बब्ली, गुरमीत कौर ढिल्लो, मुन्ना यादव , जसबीर सिंह, आजाद सिंह , गुरमेहर मराठा, यशविद्र पांचाल, अरुण वर्मा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश बिहार हरियाणा पंजाब राजस्थान उत्तर प्रदेश से सभी नेताओं ने राजकुमार भारत, शीलम भारती के साथ एक स्वर में एकजुट होकर कहा हम चाहते रहे जूलियन असांजे को भी नोबेल पुरस्कार मिले मगर नहीं , उसे तो सजा मिली और उस सज़ा पर गहरी ख़ामोशी हैं।
यही होता है दोहरा चरित्र!
राजकुमार भारत
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