कोरोनावायरस से पीड़ित रोगी के साथ अस्पताल ने की लापरवाही : राजेश सिंह

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बोकारो: बोकारो के साथ – साथ पूरे झारखंड में कोरोनावायरस से पीड़ित रोगी के साथ हो रहा है खिलवाड़। सही देखभाल के अभाव में दम तोड रहे हैं मरीज। चास सदर अस्पताल के एंबुलेंस 108 नम्बर में नहीं है आक्सिजन की समुचित व्यवस्था और पंखे भी हैं खराब। बीजीएच का हाल भी है बहुत बुरा। वहां के डाक्टर और नर्स के बीच नहीं है सामंजस्य। मरीजोंं द्बारा आक्सिजन लगाने के लिए चिल्लाते रहने के बावजूद भी डाक्टर में तत्परता का देखा गया अभाव।
विगत दिनों शिक्षाविद् तेनुघाट के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर आर एन सिंह जी का कोरोना की वजह से बीजीएच में मृत्यु हो गई। प्रोफेसर सिंह को कोरोना के कारण सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। जब उन्हें सदर अस्पताल लाया गया तो बिना तत्कालिक राहत दिए घंटों बिना आक्सिजन रखकर कागज़ी कार्रवाई किया जाता रहा। इसके बाद हालत खराब होता देख बिना आक्सिजन लगे 108 नम्बर वाले एंबुलेंस जिसमें पंखा भी खराब था बीजीएच रेफर कर दिया गया। इस बीच मरीज़ आक्सिजन लगाने के लिए कष्ट से चिल्लाता रहा लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं दिया। यह लापरवाही का जीता जागता नमूना चास सदर अस्पताल का है। बीजीएच कोविड सेन्टर के बाहर लगभग 35 मिनट तक मरीज आक्सिजन की कमी को झेलता रहा। काफी देर के बाद डाक्टर का इस तरह आना हुआ जैसे कोविड पेसेन्ट के बजाय साधारण बिमारी वाले मरीज को देखने आ रहा हो। डाक्टर के अंदर किसी प्रकार की तत्परता नहीं दिख रही थी। जब उनसे कहा गया कि तत्काल आक्सिजन लगाया जाय। इस पर बीजीएच के डाक्टर का कहना था कि ये काम नर्स का है । आप यहां से जाइए। इसके बहुत देर बाद नर्स पी पी कीट पहन कर आई फिर आक्सिजन लगाया गया। तब तक पेसेन्ट की हालत बिगड़ चुकी थी। इसके बाद पेसेन्ट को वेंटिलेटर पर डाल दिया गया जहां दूसरे दिन प्रातः मृत घोषित कर दिया गया।
ये सारे घटनाक्रम के चश्मदीद प्रत्यक्षदर्शी हैं उस मरीज के रिश्तेदार राजेश सिंह। राजेश सिंह जी आम आदमी पार्टी के झारखंड प्रदेश के पदाधिकारी भी हैं। इनका कहना है कि कोविड के कारण आम आदमी की मौत धड़ल्ले से सिविल सर्जन, डाक्टर और नर्स की लापरवाही एवं सही समय पर आक्सिजन नहीं लगने से हो रही है। अगर समय रहते तत्परता बरती जाए तो सांस लेने में आ रही दिक्कत वाले कोविड पेसेन्ट को बचाया जा सकता है।
इस बात का जीता जागता दूसरा उदाहरण सरायकेला में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी की मौत विगत रविवार को ड्युटी पर मौजूद डाक्टर के ठीक से संज्ञान नहीं लेने के कारण हो गयी।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी राजेश सिंह का कहना है कि झारखंड में कोरोना वायरस से पीड़ित रोगी का इलाज ठीक से नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी ओर मुख्य मंत्री के पिता जब कोरोना से ग्रसित होते हैं तो रिम्स से निकाल कर स्पेशल ट्रेन से दिल्ली इलाज के लिए भेजा जाता है। क्योंकि इनको अपने राज्य के अस्पताल के डॉक्टर और नर्स एवं उनके विधी व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। यह दोहरी नीति सरकार के शर्मशार करने वाली है। यहां आम आदमी की जिन्दगी का कोई महत्व नहीं है। वह इसी सड़ी गली भ्रष्ट व्यवस्था को झेलने के लिए मजबूर हैं। आदमी पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी राजेश सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि आप पत्रकार बंधुओं के माध्यम से हम झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री, सिविल सर्जन एवं तमाम डाक्टर और नर्स से अपील के साथ चेतावनी देना चाहते हैं कि कोविड पेसेन्ट के इलाज में कोई कोताही न बरतें, वरना आम आदमी पार्टी मजबूरन आन्दोलन करेगी, इस तरह जनता की इस लड़ाई को रोक पाना मुश्किल होगा।

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