वाराणसी। युरोलाजी विभाग, आई.एम.एस बी.एच.यू. द्वारा आयोजित नार्थ जोन चैप्टर ऑफ, यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन का पहले दिन का कार्यक्रम का समापम हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना व द्विप प्रज्जवलित करके किया गया। इस अवसर पर युरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, डॉ. संजय कुलक्रणी; बी.एच.यू., आई.एम.एस. के निदेशक, प्रोफेसर एस.एन. संखवार, युरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सचिव डॉ. जी.जी. लक्ष्मण प्रभु: नार्थ जोन यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया अध्यक्ष- डॉ. विजय बोरा, नार्थ जोन यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सचिव- डॉ. कमलजीत सिंह और स्थानीय आयोजन समिति के हैड प्रोफेसर समीर त्रिवेदी और डॉ. पी.के. जिदंल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श हुआ, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चिकित्सा जगत पे प्रभाव और उससे आने वाले बदलावों पर विस्तरित चरचा हुई। डॉ. सी. मल्लिकार्जुन और डॉ. अंशुमन कपूर के नेतृत्व वाले सत्र में प्रोस्टेट के आपरेशन में लेज़र के इस्तेमाल के ऊपर विचार विमर्श हुआ। इसके अलावा इंडियन स्कूल ऑफ युरोलाजी के सत्र में किड़नी के पत्थरों के बारे में चर्चा हुई जिसमें डॉ. अरूण चावला मौजुद रहेा । इसके पश्चात् युरोलॉजी विभाग, बी.एच.यू. आई.एम.एस, के डॉ. उज्जवल कुमार (सहायक प्रोफेसर) ने लेजर द्वारा चिर रहित किड़नी के पत्थरी (आर. आई. आर. एस.) के आपरेशन विधि पर अपने विचार साझा किए। देशभर के ट्रैनी युरोलॉजिस्ट ने भी अपने शौध को प्रस्तुत किया। अन्त में युरोलाजी सर्जरी में रोबोटस के इस्तेमाल और इसके महत्व पे चर्चा हुई।