
वाराणसीः प्रोफेसर रीता सिंह प्राचार्य महिला महाविद्यालय ने बताया कि हमारे शिक्षक छात्राओं को सक्रिय और अद्यतन रखने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उसी श्रृंखला में महिला महाविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा एक नया संवादात्मक व्याख्यान “टू नो बियॉन्ड द सिलेबस” शुरू किया गया है। प्रोफेसर नीलम श्रीवास्तव, प्रोफेसर-प्रभारी, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल, ने बताया कि “कुएँ के मेढक” को किसी भी नियोक्ता द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है और इसीलिए छात्राओं के ज्ञान क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण हो जाता है। यह नई व्याख्यान श्रृंखला लोक सेवा आयोग प्रतियोगिताओं के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न विषयों, नवीनतम शोध विषयों को शामिल करेगी और यह छात्रों को साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन भी करेगी। यदि आपका ज्ञान व्यापक है तो आपका मस्तिष्क जिज्ञासु रहता है और इसलिए छात्रों के साथ नवीनतम वैज्ञानिक घटनाओं पर चर्चा करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस श्रृंखला में पहले दो व्याख्यान भौतिकी विभाग, विज्ञान संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रोफेसर संजय कुमार और डॉ. विमल किशोर द्वारा दिए गए। 16 अक्टूबर को डॉ. विमल किशोर ने चर्चा की कि ‘एक या अकेला’ क्या है, क्या 1+1 मिलकर 2 से बड़े हो सकते हैं। बेशक इसका मतलब गणितीय नहीं है, इसमें यह बताया गया है कि छोटे-छोटे चीजें मिल कर बहुत ही नवीन सृजन करते हैं बहुत छोटे-छोटे चीजें जुड़ते चले जाते हैं और परिणामस्वरूप बहुत बड़ी वस्तुएं बनती हैं। जैसे मानव शरीर की छोटी-छोटी कोशिकाएँ जुड़ती चली जाती हैं और पुरा मानव शरीर बनाती हैं ।छोटे ग्रह मिलकर आकाशगंगाएँ बनाते हैं।
डॉ. विमल ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण और शक्तिशाली है। प्रोफेसर संजय कुमार ने 17 अक्टूबर 2023 को अपने भाषण में छात्रों को बताया कि एक ही शब्द प्रेरण के कई अलग-अलग अर्थ होते हैं। हम अपने जीवन में अपने परिवेश से प्रभावित होते हैं लेकिन हम जो देखते हैं उसे हमें आंख बंद करके स्वीकार नहीं करना चाहिए, हमें अपने अवलोकनों की विश्लेषण करनी चाहिए। प्रो. कुमार ने छात्राओं को बताया कि हम अपने धर्म का विश्लेषण कैसे करें और सभी धर्मों के पीछे की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि और विचार प्रक्रिया को समझने का प्रयास करें। नचिकेता, गौतम बुद्ध और अन्य महान लोगों की कहानियों के माध्यम से बताया कि ज्ञान केवल उन्हीं को मिलता है जो इसकी खोज करते हैं। अगर आपमें ज्ञान की प्यास है तो आपकी मुलाकात सही व्यक्ति से होगी जो आपको रास्ता दिखा सकता है। उन्होंने बी.एच.यू. के पूर्व छात्रों की कहानी के माध्यम से प्रोफेसर सी.एन.आर. राव, प्रोफेसर नार्लीकर आदि जैसे महान वैज्ञानिक बनने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. पन्नीर मुथुसेल्वम (भौतिक शास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर) द्वारा किया गया था। डॉ. स्वर्णलता सिंह, प्रो. एच. मिश्रा आदि भी मौजूद थे।