टिड्डी दल के हमले की आशंका पर झारखंड एलर्ट

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टिड्डों से बचाव हेतु जिला प्रशासन ने जारी किए किसानों तथा आम लोगों के लिए एडवाइजरी 

  • विशद कुमार

वैसे तो अभी तक झारखंड में टिड्डी दल के हमले की कोई भी सुगबुगाहट देखने सुनने को नहीं मिली है, देश के लगभग सात राज्यों में टिड्डी दल के आतंक के मद्दे नजर झारखंड सरकार ने राज्य के सभी जिलों को निर्देश दे दिया है कि वे टिड्डी दल के संभावित हमले के प्रति सचेत रहें।

बताते चले कि टिड्डी दल देश के सात राज्यों राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय हैं।

संभावना जताई जा रही है कि टिड्डी दल उत्तर-पश्चिम भारत समेत बिहार और उड़ीसा तक हमला कर सकते हैं, तो जाहिर झारखंड अछुता नहीं रहेगा। लेकिन उनके दक्षिण भारत की ओर बढ़ने की संभावना कम है, बावजूद इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने अलर्ट जारी किया है।

ऐसी संभावना को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार के विभागीय निर्देश के आलोक में राज्य के सभी जिलों के तमाम उप विकास आयुक्तों के माध्यम से जिलों के वन प्रमंडल पदाधिकारियों, जिला कृषि पदाधिकारियों, जिला परिवहन पदाधिकारियों तथा जिला जनसंपर्क पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है, ताकि राज्य में टिंडों के आक्रमण के पूर्व तैयारी पूर्ण की जा सके। वहीं राज्य के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द प्रखंड स्तर पर मुखिया तथा कृषक मित्रों के साथ बैठक कर टिड्डों के हमले के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करें, ताकि इन टिंडों के फैलाव को रोका जा सके। राज्य के सभी जिलों के परिवहन पदाधिकारियों द्वारा सभी प्रखंडों में कम से कम एक वाहन दिये जाने का निर्देश दिया गया है, ताकि कीटनाशक छिड़काव में समस्या नहीं आये। कोविड 19 के लिए क्रय किये गए सैनिटाइजर मशीनों का भी आवश्यकता पड़ने पर प्रयोग करने का भी निर्देश दिया गया है। जिले के कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी अपना—अपना व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का प्रयास करें ताकि समय पर सूचना का संचरण हो सके। साथ ही पश्चिम दिशा की ओर पड़ोसी राज्यों के सटे जिले से भी संपर्क कर स्थिति एवं तैयारियों पर सम्पर्क कर जानकारी लेने को कहा गया है।

 इस आलोक में जिला प्रशासन की ओर से जिला वासियों तथा किसानों के लिए टिंडों से बचाव हेतु एक एडवाइजरी भी जारी की गई है जो इस प्रकार है।

  1. राज्य के किसानों द्वारा रबी फसल की कटाई कर ली गई है तथा खरीफ फसल की तैयारी की जा रही है। अभी तत्काल खेतों में सब्जी तथा कुछ छिटपुट क्षेत्रों में गर्मा की फसल लगी है। टिड्डियों के आक्रमण की स्थिति में इन फसलों को नुकसान होने का खतरा रहता है।
  2. झारखंड में बेमौसम वर्षा से मिट्टी में नमी उपलब्ध है। भूमि में उलब्ध यह नमी टिड्डियों के अण्डा देने हेतु अनुकूल परिस्थितियां बनाती है। अतः जमीन की जोताई मिट्टी पलटने वाले हल से कर देने पर ये अण्डे नष्ट हो जाते हैं।
  3. टिड्डियों के आक्रमण की स्थिति में पाम्परिक उपाय के तहत धुँआ करके तथा ढोल, नगाड़े, बर्तन आदि पीटकर उनके शोर से इन कीटों को भगाया जा सकता है। धुँआ करने हेतु खाली खेत में थोड़ीथोड़ी दूरी पर सूखे खरपतवार एवं पौधा अवशिष्ट की ढेरी तैयार रखनी चाहिए ताकि टिड्डियों के आक्रमण की स्थिति में इन ढेरियों में आग लगाकर धुँआ उत्पन्न किया जा सके।
  4. सूर्यास्त के बाद ये कीट एक स्थान पर बैठ जाते हैं। ये पेड़ों अथवा झाड़ियों में रात्रि विश्राम हेतु बैठते हैं। इनके बैठने की जगह पर निम्नलिखित रसायनिक कीटनाशी के छिड़काव कर इन पर नियंत्रण किया जा सकता है

फसलों, बबूल एवं अन्य पेड़ों पर टिड्डी नियंत्रण हेतु सीआईबीआरसी द्वारा अनुमोदित कीटनाशी का प्रयोग किया जा सकता है। जिसमें क्लोरोपाइरीफॉस 20% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 240 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 240 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही इस कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से होपर्स हेतु 1.2 लीटर तथा एडल्ट हेतु 2.4 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

क्लोरोपाइरीफॉस 50% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 240 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 240 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 480 मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 01 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

डेल्टामेथ्रिन 2.8% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 12.5 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 12.5 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 450 मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 01 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

डेल्टामेथ्रिन 1.25% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 12.5 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 12.5 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200 मिली लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

डाईफ्लूबेंजूरोन 25% डब्लूपी का प्रयोग होपर्स के लिए 60 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 240 मिली लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

फिप्रोनिल 5% एससी का प्रयोग होपर्स के लिए 6.25 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 6.25 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 125  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 0.25 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

फिप्रोनिल 2.92% एससी का प्रयोग होपर्स के लिए 6.25 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 6.25 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 216  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 0.45 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

लैम्बडा साईहेलोथ्रिन 05% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 20 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 20 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 410  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 01 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

लैम्बडा साईहेलोथ्रिन 10% डब्लूपी का प्रयोग होपर्स के लिए 20 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 20 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 200  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 0.5 ग्राम की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

मैलाथिसान 50% ईसी का प्रयोग होपर्स के लिए 925 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 925 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 1.850  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 3.7 मिली प्रति लीटर की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

मैलाथिसान 25% डब्लूपी का प्रयोग होपर्स के लिए 925 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर तथा एडल्ट के लिए 925 ग्राम सक्रिय घटक प्रति हेक्टेयर की मात्रा में किया जा सकता है। इसके साथ ही होपर्स हेतु उक्त कीटनाशी के फॉर्मूलेशन की मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 3.7  मिली लीटर तथा एडल्ट हेतु 7.4 ग्राम की मात्रा में प्रयोग किया जा सकता है।

  1. उपरोक्त सभी रसायनिक कीटनाशी अत्यंत विषैले तथा दाहक प्रकृति के हैं। अतः उनके छिड़काव के समय सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करें।

छिड़काव के समय सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करें।

मुंह पर मास्क लगाएं, आँखों पर चश्मा पहनें, पैरों में गम बूट पहनें।

सिर पर कैप लगाएं, हाथों में दस्ताने पहने एप्रिन पहनकर छिड़काव करें।

छिड़काव के समय हवा की दिशा का विशेष ध्यान रखें।

छिड़काव करने वाले स्थान पर पानी के स्रोत एवं जानवरों का विशेष ध्यान रखें।

वर्तमान में कोविड-19 के खतरे से बचने हेतु उक्त उपायों के अलावा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हाथ, मुंह आदि साबुन से बारबार धोना चाहिए तथा एक जगह भीड़ के रूप में एकत्रित नहीं होना चाहिए।

बता दें कि टिड्डी अपने वजन जितना खाती है। टिड्डी का वजन 2 ग्राम होता है। 1 टिड्डी कम से कम 2 ग्राम खाती है। अगर 90 लाख टिड्डियों ने हमला किया तो 9000 किलो वजन का अन्न खा जाएंगी। 4 करोड़ टिड्डी 35000 लोगों खाना 24 घंटे में खाती है।

 

 

 

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