MMV की छात्राओं ने संभावित व्यवसाय की तरफ एक कदम आगे बढ़ाया

0
420

वाराणसीः BHU के महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रीता सिंह ने बताया कि महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने आज दिनांक 07 नवंबर को एक उत्कृष्ट कार्यक्रम ‘त्योहार के रंग कारीगर के संग‘ की योजना बनाई, जिसके तहत उन्होंने ‘कारीगर बाजार‘ का आयोजन किया, जिसमें 9 विभिन्न कारीगरों ने अपनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया। ग्रामीण महिलाओं (सुश्री रूम्पा, सुश्री आरती, सुश्री माधवी, सुश्री रेनू) द्वारा लाख से बनी चूड़ियाँ/कपड़े आधारित सजावटी सामान/सजावटी दीये, श्री श्रीराम द्वारा लकड़ी का काम, और श्री बद्री सिंह द्वारा पत्थर का काम प्रदर्शित किया गया। सभी वस्तुओं को जनता द्वारा खूब सराहा गया। सबसे अधिक सराहनीय स्टॉल नेत्रहीन लोगों का था जिन्होंने सजावटी मोमबत्तियाँ/दीया और कुछ घर में बनी नमकीनें प्रस्तुत कीं। प्रो0 रीता सिंह ने बताया कि 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में ‘वोकल फॉर लोकल‘ होने पर जोर दिया, उनकी अपील ने हमारे छात्राओं का स्थानीय कारीगरों के लिए कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन ‘संत कबीर हथकरघा पुरस्कार विजेता बुनकर ‘श्री शहीद जुनैद जी ने किया। 6 नवंबर को आयोजित ‘नारा लेखन‘ प्रतियोगिता (स्थानीय के लिए मुखर बनें) के विजेताओं को श्री जुनैद जी से प्रमाण पत्र प्राप्त हुए। छात्राओं ने बताया कि यह वास्तव में उनके लिए बहुत खुशी का क्षण था कि उन्हें श्री जुनैद जी जैसे कारीगर से प्रमाण पत्र मिला, यह उनके लिए सच्ची सराहना थी। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान श्री जुनैद ने अपनी वस्तुओं का प्रदर्शन करने वाले सभी कारीगरों को प्रेरित किया और उनसे कड़ी मेहनत करने और हमेशा अपनी प्रतिभा को बेहतर बनाने का प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रतिभा को निखारने से ही समृद्धि मिलेगी।

स्टॉल का अवलोकन रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. मीनाक्षी सिंह, प्रो. ज्योत्सना श्रीवास्तव तथा महिला महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं ने किया। प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हस्तकला तथा कारीगरी के प्रति छात्राओं को जागरूक कराने के तथा उससे उनका परिचय कराने हेतु यह अत्यन्त सराहनीय प्रयास है। प्रो. नीलम श्रीवास्तव (छात्र सलाहकार, महिला महाविद्यालय) ने बताया कि छात्राओं के लिए कारीगरों (कारीगरों) के साथ बातचीत करना और उनकी कला को समझना एक उत्कृष्ट अनुभव था। इस तरह की गतिविधियाँ छात्राओं के संगठनात्मक कौशल को बढ़ाती हैं और संभावित सहयोग की तलाश करने और कुछ बड़ा करने का अवसर भी देती हैं। छात्राओं ने बताया कि ऐसे आयोजनों से विभिन्न वस्तुओं के बारे में उनकी समझ काफी बढ़ी है और वे भविष्य में ऐसे कारीगरों के साथ मिलकर कोई व्यवसाय शुरू करने की सम्भावनाओं को देखते हैं। प्रो. श्रीवास्तव इस बात पर जोर दिया कि छात्राओं को बड़ा सोचने, समाज के हित में काम करने और साथी देशवासियों के प्रति संवेदनशील होने का अवसर देकर उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाना हर संस्थान का कर्तव्य होना चाहिए। प्रो. श्रीवास्तव ने विशेष रूप से महिला महाविद्यालय की तृतीय वर्ष की छात्राओं सुश्री लिपिका, सुश्री दीपशिखा, सुश्री उपासना, सुश्री अदिति, सुश्री खुशी की कड़ी मेहनत की सराहना की, जिन्होंने कार्यक्रमों की इस श्रृंखला (दो और कार्यक्रम ‘3 मिनट डॉक्यूमेंट्री मेकिंग‘ और ‘नुक्कड नाटक‘ का आयोजन दीपावली के बाद होगा) को सुंदर आकार दिया। द्वितीय वर्ष के छात्राओं (सुश्री दिव्यांशी जयसवाल, सुश्री मिस्बा कौसर, सुश्री सृष्टि गुप्ता, सुश्री साक्षी सुल्तानिया, सुश्री अपर्णा शर्मा, सुश्री मानसी राजपूत, सुश्री जूही गुप्ता, सुश्री अमिता वर्मा और सुश्री अदिति सिंह) को 6 नवंबर को आयोजित ‘नारा लेखन प्रतियोगिता‘ में 115 छात्राओं को भाग लेने के लिए प्रेरित करने और उस कार्यक्रम को उत्कृष्ट तरीके से प्रबंधित करने के लिए सभी शिक्षकों की सराहना प्राप्त हुई। चार घंटे तक चले ‘कारीगर बाजार‘ में कई शिक्षकों की सराहना प्राप्त हुई। चार घंटे तक चले ‘कारीगर बाजार‘ में कई शिक्षकों और छात्राओं ने स्टॉल का दौरा किया। दीपावली के लिए घर जा रही प्रथम वर्ष के छात्राओं में विशेष उत्साह देखा गया, जो अपने परिवार के सदस्यों के लिए उपहार खरीदने में व्यस्त दिखीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here