बोकारो : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवाशीष चौबे ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि बेरमो मेरे नाना स्वर्गीय बिंदेश्वरी दुबे जो अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं, की सीट थी। अतः स्वर्गीय दुबे जी का विधिक उत्तराधिकारी होने के कारण, क्षेत्र की जनता के द्वारा मुझसे हमेशा चुनाव लड़ने की मांग की जाती रही है। नाना जी के द्वारा राजेंद्र प्रसाद सिंह को बेरमो का प्रत्याशी घोषित किया गया था।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवाशीष चौबे ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि बेरमो मेरे नाना स्वर्गीय बिंदेश्वरी दुबे जो अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं, की सीट थी। अतः स्वर्गीय दुबे जी का विधिक उत्तराधिकारी होने के कारण, क्षेत्र की जनता के द्वारा मुझसे हमेशा चुनाव लड़ने की मांग की जाती रही है।
इसी कारणवश इतने लंबे समय मैंने बेरमो पर दावा नहीं किया, पर आज क्षेत्र की बदहाली और अराजक स्थिति को देखकर जनता की मांग को अबतक नहीं मानने के लिए खुद को कसुरवार मानते हुए, मैंने अपने नाना की विरासत को संभालने का निश्चय किया है और आगामी बेरमो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने हेतु अनुशंसा के लिए आवेदन किया है। और क्षेत्र की जनता द्वारा प्रतिनिधि चुने जाने पर अपने नाना के द्वारा जनकल्याण की श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए पूरजोर तरीके से तैयार हूँ।
बीजेपी राज में, बेरमो क्षेत्र के साथ राज्य ने भी बदहाली और कंगाली की पराकाष्ठा देखी जा सकती है। वर्षों से कई प्रमुख महत्वपूर्ण मसले विचाराधीन हैं, जिसने प्रदेश के विकास को पूर्णतः बाधित किया गया है। युवाओं की बेरोजगारी, अनेकों उद्योगों में ताला बंदी, विस्थापितों की समस्या, विभिन्न श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों का हनन और अत्याचार एवं अन्य समस्याओं से जनता में बहुत रोष रहा है।
केंद्र की बीजेपी सरकार अब भी जनता विरोधी फैसले लेने से बाज़ नहीं आ रही है, जिसका व्यापक विरोध विभिन्न वर्गों के द्वारा पूरे देश में दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी क्रांति लाने के लिए जानी जाती रही है और आज जब युवा, कामगार वर्ग, किसान परेशान हैं और उनकी वकालत करने वाले मजदूर यूनियन, मजदूर हितों पर या तो सरकार से समझौता कर चुके हैं, या कुछ प्रमुख मजदूर नेताओं के निजी स्वार्थ के कारण विभिन्न गुटों में बंटे हुए हैं, तो समय की मांग को देखते हुए श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में मजदूर आंदोलन को सशक्त करने का बीड़ा उठाने को तैयार हूँ।