मानव जीवन का मनोभावों का और अध्यात्म का सर्वोत्तम प्रतिपादक है गीता

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वाराणसीः गीता समस्त भारतीय शास्त्रों का सार है, मानव जीवन का मनोभावों का और अध्यात्म का सर्वोत्तम प्रतिपादक है गीता। उक्त विचार मालवीय भवन में रविवासरीय गीता प्रवचन में बोलते हुए श्री काशी विश्वनाथ न्याय परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने व्यक्त किये। प्रो. पांडेय ने कहा कि गीता मानव मात्र का शास्त्र है, अपने कर्तव्य के पालन के लिए समाज को प्रेरित करना ही गीता का मुख्य प्रतिपाध है।
आरंभ में भजन की उपस्थापना संगीत एवं मंच कला संकाय के छात्रों द्वारा हुई। गीता वाचन श्री सत्यनारायण पांडेय ने किया। अतिथियों का स्वागत सचिव प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने तथा संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव डॉ. शरदिंदु कुमार त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर प्रो. आर. पी. मलिक, प्रो. लता शर्मा, प्रो. मृत्युंजय देव पांडेय, शैलेष उपाध्याय सहित भारी संख्या में छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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