Total Views: 31


अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा विभाग स्थापना दिवस के अवसर पर एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभाग से शिक्षा प्राप्त छात्रों के भूविज्ञान के क्षेत्र में 67 वर्षों की शैक्षणिक प्रतिभा और योगदान को सराहा गया।

उद्घाटन भाषण देते हुए मुख्य अतिथि उद्यमी और ओवैस मेटल एंड मिनरल प्रोसेसिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री सैय्यद उवैस अली ने कड़ी मेहनत, महत्वाकांक्षा और उत्कृष्टता की खोज के गुणों पर जोर दिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और भारत की आत्मनिर्भरता ‘आत्मनिर्भर’ में योगदान देने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने शुभकामनाएं दीं और शिक्षा और उद्योग के बीच मजबूत संबंध बनाने के लिए विभाग की सराहना की।

प्रोफेसर एम.ई.ए. मोंडल ने विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारी सेवाओं और शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में 92 छात्रों की सफल नियुक्ति भी शामिल है।

अध्यक्ष भूविज्ञान विभाग प्रो. कुंवर फराहिम खान की अध्यक्षता में उत्सव की शुरुआत औपचारिक उद्घाटन के साथ हुई। प्रो. खान ने विभाग की विकास यात्रा पर अंतर्दृष्टि साझा की।

धन्यवाद ज्ञापन में प्रो. राशिद उमर ने भूवैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने, अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और भूवैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी के पोषण के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

——————————-

जेएनएमसीएच में सिम्पैथेटिक गैंग्लियन का सफलतापूर्वक रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन

अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जे.एन. मेडिकल कॉलेज में पैन क्लिनिक के सलाहकार प्रभारी प्रोफेसर हम्माद उस्मानी और आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम में दर्द क्लिनिक के सलाहकार प्रभारी डॉ. आशु जैन की टीम ने गैग्लियन रोग के एक मरीज पहला सफल रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन किया।

गैंग्लियन की बीमारी एक परिधीय संवहनी रोग है जो विशेष रूप से ठंड के मौसम में आम है। रोगी आमतौर पर रक्त वाहिकाओं के वाहिकासंकुचन के परिणामस्वरूप रक्त के प्रवाह में कमी के कारण एक या दोनों हाथों में झनझनाहट और सुन्नता के साथ उंगलियों का नीला रंग हो जाता है। अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो मरीजों की उंगलियों में अल्सर या गैंग्रीन भी हो सकता है।

प्रोफेसर उस्मानी ने कहा कि टी2, टी3 सिम्पैथेक्टोमी के रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन से उंगलियों में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है और लक्षणों में निरंतर राहत मिलती है।

—————————-

दवाखाना तिब्बिया कॉलेज ने आयुष कॉन्क्लेव में भाग लिया

अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दवाखाना तिब्बिया कॉलेज ने जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आयुष कॉन्क्लेव-24 में भाग लिया। और अपनी दवाओं का प्रदर्शन किया।

कॉन्क्लेव का आयोजन इस्लाही हेल्थकेयर फाउंडेशन द्वारा यूडीएमए (यूनानी ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) के सहयोग से किया गया था, जिसमें 50 से अधिक यूनानी और आयुर्वेदिक कंपनियां शामिल हुई।

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रोफेसर इकबाल हुसैन ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। आयुष मंत्रालय के यूनानी सलाहकार श्री अल मोहम्मद इकबाल, डॉ. मुख्तार कासमी, आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्र भाई सहित कई प्रमुख हस्तियां इसमें शामिल हुईं।

सीसीआरयूएम के महानिदेशक श्री एन. जहीर अहमद और एकेटीसी के प्राचार्य प्रो. बदरुद्दुजा खान भी इसमें शामिल हुए।

डीटीसी के कार्यवाहक महाप्रबंधक मो. शारिक आज़म ने कहा कि दवाखाना ने कॉन्क्लेव में अपने प्रमुख उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की। उन्होंने कहा कि डीटीसी उत्पाद अपनी वास्तविकता और प्रामाणिकता के कारण लोकप्रिय हैं और पूरी दुनिया में इनकी व्यापक स्वीकार्यता है।

—————————-

जेएन मेडिकल कालिज के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग ने कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया

अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा एआरओआई यूपी चैप्टर के तत्वावधान में एसटीएस हाई स्कूल (मिंटो सर्कल) में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर एक कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

छात्रों और कर्मचारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शादाब आलम ने कैंसर की परिभाषा, जोखिम कारक, चेतावनी के संकेत, शीघ्र पता लगाने, रोकथाम और उपचार के मुद्दों जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कैंसर रोगियों की भलाई के लिए सहायता और सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसी भी रूप में तंबाकू के सेवन सहित जोखिम कारकों के प्रति आगाह किया, स्वस्थ जीवन शैली के महत्व पर प्रकाश डाला और जनता के बीच जागरूकता पैदा की।

एसटीएस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. फैसल नफीस ने स्वास्थ्य पर तंबाकू के खतरनाक प्रभावों के बारे में बताया।

कक्षा छह से कक्षा नौ तक के विद्यार्थियों ने पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। कक्षा 8वीं के मो.शाद और कक्षा 6वीं के जुवेर खान को क्रमशः प्रथम और द्वितीय पुरस्कार हासिल किया।

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में विकिरण ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अकरम, श्री एम. ए. बिलाल हुसैन और डॉ. समरीन ज़हीर शामिल थीं।

प्रोफेसर मो. अकरम ने कहा कि विभाग हर साल कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है।

इस अवसर पर विंग्स ऑफ डिज़ायर एनजीओ के स्वयंसेवकों ने कैंसर जागरूकता से संबंधित पंपलेट वितरित किये।

——————————–

एकीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य पर विश्व कांग्रेस 8 फरवरी को एएमयू में शुरू हो रही है

अलीगढ़, 7 फरवरीः एकीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य 2024 पर तीन दिवसीय विश्व कांग्रेस का उद्घाटन समारोह 8 फरवरी को सुबह 10 बजे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कैनेडी सभागार में शुरू होगा, जिसमें यूनानी, सिद्धा एवं सोवा रिग्पा बोर्ड नई दिल्ली के अध्यक्ष डज्ञ. के जगन्नाथन मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। जबकि डॉ. एम. रेजा शम्स अर्देकानी, उपाध्यक्ष, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, प्रेसिडेंशियल नॉलेज फाउंडेशन, ईरान मुख्य भाषण देंगे। कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

एएमयू के तहफ्फुजी वा समाजी तिब विभाग के अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव प्रोफेसर एसएम सफदर अशरफ ने बताया कि तीन दिवसीय कांग्रेस में डॉ. एम. होसैन अयाती, वी.पी. तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, ईरान, प्रोफेसर जुगल किशोर, प्रमुख, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, वीएमएमसी, दिल्ली और अध्यक्ष, आईआईसीएचए, श्री अब्दुल मजीद, अध्यक्ष, हमदर्द प्रयोगशालाएं, प्रोफेसर वी.के. अग्निहोत्री, पूर्व प्राचार्य, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार, और प्रोफेसर राजेंद्र राजपूत, एसडीजे होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ आदि शामिल होंगे।

समापन सत्र 10 फरवरी को दोपहर 12 बजे एकेटीसी ऑडिटोरियम, एएमयू में होगा, जहां आयुष मंत्रालय (यूनानी) के सलाहकार डॉ. मुख्तार ए. कासमी मुख्य अतिथि होंगे।

——————————–

विकसित भारत/2047ः युवाओं की आवाज की ओर भारत की यात्रा का स्मरणोत्सव

अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा विकसित भारत/2047ः के कार्यक्रमों की श्रृखला में विभाग ने ‘2047 तक विकासशील भारत को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका’ विषय पर एक ऑनलाइन निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया।

नेहा कादिर (एमए द्वितीय सेमेस्टर) ने शीर्ष पुरस्कार जीता, जबकि रहमत कलीम (बीए 6 सेमेस्टर) और दीपक पुंडीर (बीए 6 सेमेस्टर) ने क्रमशः दूसरा और तीसरा पुरस्कार हासिल किया। राशिद खान (बीए चतुर्थ सेमेस्टर) को सांत्वना पुरस्कार मिला। डॉ. अब्दुल मन्नान सिद्दीकी, प्रो. अशोक मित्तल और प्रो. निसार अहमद खान द्वारा विजेताओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शहरोज आलम रिजवी ने भारत के आर्थिक विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए विकसित भारत/2047 पहल की सराहना की।

छात्रों को और अधिक संलग्न करने के लिए, विभाग ने अपने वेबपेज पर विकसित भारत/2047ःवॉयस ऑफ यूथ पोर्टल का लिंक साझा किया है।

प्रो. रिजवी कार्यक्रम के संयोजक थे, जबकि डॉ. शिरीन रईस ने सह-संयोजक और प्रतिवेदक का कार्य अंजाम दिया।

—————————-

एक दिवसीय भारत-ईरानी संगोष्ठी एके तिब्बिया कालिज में संपन्न

अलीगढ़, 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जराहत विभाग द्वारा पीजी सेमिनार हॉल में हाइब्रिड मोड में एक दिवसीय इंडो-ईरानी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में भारत के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के अलावा में ईरान, श्रीलंका और जर्मनी के चिकित्सक भी शामिल हुए।

विश्व यूनानी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मोहसिन देहलवी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए और संगोष्ठी की अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी पर संतोष व्यक्त किया।

तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के स्कूल ऑफ पर्शियन मेडिसिन के अतिथि वक्ता प्रो. मेहदी अलेजादेह वाघासलू और प्रोफेसर डॉ. फतेमेह नेजत बक्श ने व्यावहारिक व्याख्यान प्रस्तुत किए, जिसमें चिकित्सा में द्रव गतिशीलता से लेकर यूनानी एंटीबायोटिक दवाओं के विषयों पर प्रकाश डाला गया।

एएमयू के अजमल खान तिबिया कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूनानी तिब्ब और सर्जरी को वैश्विक बनाने में विभाग के प्रयासों की सराहना की।

जराहत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तफसीर अली ने अपने स्वागत भाषण में समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए सर्जरी और यूनानी तिब्बत के क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विभाग की अभिनव पहलों को रेखांकित किया।

संगोष्ठी के वक्ताओं और विदेशी प्रतिनिधियों को अकादमिक आदान-प्रदान में भारत-ईरानी सहयोग के प्रतीक के रूप में सम्मानित भी किया गया। सह-संयोजक डॉ. सीमीं उस्मानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

जराहत विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मो. तारिक ने आयोजन सचिव के रूप में कार्यक्रम का संचालन किया।

Leave A Comment