संत रविदास के रास्ते पर चल कर ही संविधान व संवैधानिक संस्थाओं का संरक्षण संभव

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वाराणसी : आज शाम 4:00 बजे से अंबेडकर पार्क कचहरी वाराणसी पर संत रविदास जी के जन्म उत्सव प्रकाश पर्व के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी का संचालन करते हुए अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव ने कहा कि- संत शिरोमणि रविदास जी ने कहा था कि “मन चंगा तो कठौती में गंगा” अगर उनकी इस बात को हमारा बहुजन समाज अमल मे लाया होता तो किसानों, मजदूरों व बहुजन समाज के लोगों के मन में व्याप्त अंधविश्वास से निजात मिल गया होता, और जब समाज के लोग मानसिक गुलामी से ऊपर उठकर संविधान व विज्ञान की बात करने लगेंगे तो देश की सत्ता में बैठे हुक्मरानों को इस बात का एहसास हो जाएगा कि समाज को और अधिक दिनों तक मानसिक गुलाम बना कर उनका शोषण नहीं किया जा सकता और वह हमें आपस में धर्म, छेत्र , संप्रदाय मे लड़ाने की बजाए विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ पर बात करना शुरू करेंगे। उन्होंने कहा यदि हमारा समाज संत रविदास के मार्ग पर चला होता तो आज तीनों किसान विरोधी कृषि कानून सरकार लागू करने की हिम्मत नहीं कर पाती । सरकार में बैठे लोगों को विश्वास है कि जनता को मंदिर निर्माण, मंदिर मस्जिद, हिंदू मुसलमान, हिंदुस्तान पाकिस्तान जैसे गैर जरूरी मुद्दों में उलझाए रखो और देश विरोधी तथा जन विरोधी कानूनों को पास कर के अपने पूंजीपति आकाओं के लिए चौकीदार का काम करो और चुनाव मे मीडिया के माध्यम से झूठा प्रोपोगंडा करके चुनाव आयोग से साजिश करके evm से जीत जाओ।


विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय मीरा यादव जी ने कहा की हम लोगों को रविदास जी के मार्ग पर चलकर समाज में व्याप्त मानसिक गुलामी से निजात दिलाना होगा और कृषि कानूनों के खिलाफ बनारस के अधिवक्ताओ को अगुवाई करके पूर्वांचल का नेतृत्व करना होगा जिससे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से दिल्ली में बैठे हुक्मरानों को ऐहसास हो जाए कि कानून वापसी करना ही होगा।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र चरण जी ने कहा कि हमें संत रविदास के मार्ग से चलकर मानसिक गुलामों को गुलामी का यहसास दिलाना होगा । यहसास होते ही गुलाम गुलामी की बेड़ियां खोल लेगे।
अधिवक्ता राम दुलार जी ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन से ही कानून, समाज, किसान व आम जन के हक व संविधान की रक्षा होगी।

विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए अधिवक्ता सैय्यद अल्ताफ हुसैन ने कहा कि संत रविदास जी हर धर्म समुदाय के महापुरुष थे वह सच में समाजिक बदलाव के वाहक थे। हम लोग लोगों को जागरुक करके बनारस से पूर्वांचल का नेतृत्व करेंगे और कृषि कानूनों को वापस कराकर किसानो व आम जन को उनका सम्मान वापस लौटाएंगे ।

विचार गोष्ठी मे अधिवक्ता रामजियावन ने रविदास जी को नमन करते हुए कृषि कानून की वापसी व संविधान की रक्षा के लिए अपना योगदान देने की बात कही ।
वरिष्ठ अधिवक्ता वी एन सिंह ने अधिवक्ता जन के नेतृत्व में बनारस को पूर्वांचल का केंद्र बना कर कृषि कानूनों की वापसी व संविधान तथा संवैधानिक संस्थाओ के लिए प्रतिबद्धता जाहिर किया।
विचार गोष्ठी को मुख्य रूप से एडवोकेट अरविंद कुमार, एडवोकेट सुशील कुमार मौर्या, राजकुमार पटेल,एडवोकेट बीर बहादुर राजभर, एडवोकेट ओमप्रकाश, एडवोकेट विनोद कुमार शर्मा, एडवोकेट संजय कुमार, एडवोकेट रविंद्र कुमार, एडवोकेट अशोकसिंह, एडवोकेट शिव प्रकाश पाल, एडवोकेट ओमप्रकाश, राजेश श्यामलाल आदि अधिवक्ताओ ने भी संबोधित किया।

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