


सम्मेलन से 21 सदस्यीय जिला कमेटी चुनी गई, जिसने
रामलवट सचिव, सतीष सिंह अध्यक्ष,प्रतिमा उपाध्यक्ष,
जावेद अहमद सह सचिव चुना।
सम्मेलन “बेरोजगारी और अपमान, अब और नहीं सहेगा नौजवान”, “रोजगार कहां है योगी जी” नारे के साथ हुआ.
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि 03 साल में 03 लाख से कम नौकरी देने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार रोजगार देने में अव्वल होने का प्रचार प्रसार जोर शोर से कर रही है जबकि बड़े प्रशासनिक सुधार के नाम पर 10, 000प्राथमिक विद्यालय को बंद करने व सिंचाई विभाग में 10, 000 पदों को समाप्त करने के साथ ही 95 विभागों को 54 विभागों में समाहित करने व समूह ‘ग’ की भर्ती में 05 साल संविदा तथा नियुक्ति पाने की उम्र 40 वर्ष से घटाकर 30वर्ष करने की योजना लागू करने जा रही है. राजकीय डिग्री कॉलेजों को विश्वविद्यालयों को सौंपकर जिम्मेदारी से पीछे हट रही है और स्थाई पदों को ठेका – संविदा पर रखने का रास्ता खोल रही है.
सरकार एक पंथ कई कार्य की नीति पर आगे बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के दिन 24 जनवरी को एक ऐप लांच कर के उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए रोजगार के खूब अवसर उपलब्ध करा रही है. जबकि रोजगार के नाम पर स्वरोजगार करने के लिए कर्ज उपलब्ध कराने की बात सरकार बोल रही है. इससे एक बात स्पष्ट है कि सरकार स्थाई सम्मानजनक रोजगार देने के बजाय कर्ज देने को रोज़गार देने के रूप में प्रचारित कर रही है. नौजवान योगी के झूठे प्रचार का जवाब आंदोलन से देगा.
सम्मेलन को भाकपा-माले राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य, डाक्टर एस.आलम ने संबोधित किया।सम्मेलन ने आइसा उपाध्यक्ष नितिन राज पर एन आर सी आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने तथा उनकी अविलंब रिहाई,तीनों कृषि कानून वापस लेने,सभी नौजवानों को बीस हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ते का कानून बनाने,यूपी में कोरोना के नाम पर अनवरत धारा144लागू कर परोक्ष रूप से लागू आपातकाल को समाप्त कर सभी तरह की लोकतांत्रिक गतिविधियों को बहाल करने आदि प्रस्ताव पारित किया।
नई कमेटी बेरोजगारी और अपमान के खिलाफ आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया.