पर्दे के पीछे से रोजाना कई घंटे काम कर ये कोरोना योद्धा खामोशी से हर थाली में पहुंचा रहे भोजन

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जरूरतमंदों के भूख मिटाने के लिए ये गुमनाम कोरोना योद्धाओं ने दो महीने से छोड़ दिया अपना घर परिवार,इनकी मानवीयता की लोग तारीफ कर रहे हैं, जिसने अपना घर परिवार छोड़कर खुद न खाकर भूखे को खाना खिला रहे हैं.कोई भूखा दिख जाए तो उसे अपना खाना तक देने से पीछे नहीं हट रहे.

वाराणसी: ऐसा ही एक कहानी सामने आया है. यूपी के वाराणसी ज़िले में युवाओं की ये टोली अपने साथियों के साथ लॉकडाउन में जहां सबकुछ अस्तव्यस्त है वहीं पर्दे के पीछे से दर्जनो से अधिक ये योद्धा कई घंटे तक लगातार काम कर भूखों के थाली में भोजन पहुंचा रहे हैं। ये कोरोना वॉरियर्स पूरी तन्मयता से कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हुए हैं. लॉकडाउन के बीच इनकी भी हालात से जूझने के बाद भी अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे है.
वाराणसी का पहला मुहल्ला किचन

शिवपुर स्थित कांशीराम आवास में मार्च से ही बने मुहल्ला किचन से रोजाना हजारों लोगों को पका भोजन दिया जा रहा है। अब तक इस किचन से पचास हजार से अधिक लोगों को पका भोजन उपलब्ध कराया जा चुका है।
ये ऐसे योद्धा हैं जो न सामने आए और न कभी अपना प्रचार किया। जो काम जिला प्रशासन का था, उसे ये कोरोना योद्धाओं ने जो बिना रुके-बिना थके बदस्तूर खामोशी से जरूरतमंदों को भोजन पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

पेशे से आटो ड्राईवर जुबेर खान बागी के नेतृत्व में बनी ये टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती जरूरत और गैर जरूरतमंद के बीच अंतर करना है।जुबैर खान ने बड़ी मुस्तैदी से इन जरूरतमंदों की पहचान की।

खाना देने वाले इन युवाओं की हर तरफ तारीफ की जा रही है. ये पहला मौका नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया है. इससे पहले भी काशी के युवाओं द्वारा ऐसे कई मानवीय कार्यों के मामले सामने आ चुके हैं. जुबेर के टीम में अधिकतर लोग ऑटो ड्राइवर हैं जो लाक डाउन के चलते बेरोजगार बैठे थे लोगों से चंदा एकत्रित करके कम्युनिटी किचन लगातार चला रहे हैं इसके अलावा जुबेर ने बताया कि सैकड़ों लोगों का पहल करके राशन कार्ड बनवाया और सरकारी सस्ते दर की दुकान से राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

आल इंडिया सेकुलर फोरम के संयोजक डाक्टर मोहम्मद आरिफ ने बताया कि ऐसे मानवीय कार्य सामने आने पर शूकून मिलता है और हर सम्भव मदद करने की कोशिश भी की जाती है।अन्य लोग भी इसे सुखद बता रहे हैं। मोहल्ले किचन का पूरा हिसाब किताब सुनील गुप्ता रखते हैं लोगों में खाना पहुंचाने का काम रितेश, अब्दुल, करीम और जावेद करते हैं और सब्जी काटने किचन के सामानों की बनाने की व्यवस्था राधेश्याम शर्मा, रवि कुमार, अनिल कुमार व राजू हलवाई यह सभी साथी लगातार हमारे साथ हैं और कई साथी आते हैं कुछ जाते हैं और सहयोग करते रहते हैं। जुबेर ने बताया कि किसी जरूरतमंद को मदद, भोजन पैकेट देते हुए फोटो लेना यहां प्रतिबंधित है।

रिपोर्ट राजकुमार गुप्ता वाराणसी

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