कैसा लगे अगर भूख आज लगी हो और रोटी के लिए समान साल भर बाद मिले। अजीब होगा न? दिल्ली विश्वविद्यालय कुछ इसी तर्ज पर चल रहा है। वहां पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों का वेतन साल 2019 के सितम्बर से नहीं दिया गया है। sol और ncweb दिल्ली विश्वविद्यालय के दो बड़े संस्थान हैं जिसमें पढ़ने वालों की संख्या लाखों तो पढ़ाने वाले हजारों में हैं। यह अतिथि शिक्षक (sol) सितंबर 2019, ncweb जनवरी 2020 से अपने वेतन की बाट जोह रहे हैं इस बीच कोरोना भी आया सब चीजें महंगी हुई लेकिन इनके हाल वही के वही। इन शिक्षकों को न ही कॉपी चैक करने का पैसा दिया गया है न कक्षा का। sol ने तो असाइनमेंट को कॉपी की तरह जांच करवा कर प्रति कक्षा 15 रुपए की कटौती की, तो ncweb ने यूजीसी के नियम को दरकिनार करते हुए 500 रुपए प्रति कक्षा काट लिया। यानी पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक को दोगुनी मार पड़ी। उसपर यह पैसा न मिलना। इन्हीं सब को देखते हुए अतिथि शिक्षक संघ एक रिले हंगर स्ट्राइक पर जा रहा है, जो कल दोपहर 2बजे से मांगे माने जाने तक चलेगी। आप सबसे उम्मीद है कि आप इस व्यवस्था के खिलाफ जो एक शिक्षक का दमन करती है। जो शिक्षक- शिक्षक में भेद करती है खड़े होंगे। हमारा साथ देंगे।