वाराणासी : आज भगत सिंह छात्र मोर्चा के नेतृत्व में आगामी अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व एक काव्य प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 30 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
इस काव्य प्रतियोगिता में पढ़ गईं कविताएं मुख्यत महिला मुक्ति एवं संघर्ष के इतिहास पर केन्द्रित थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रत्नेश, सुरेश और दीप्ति जी थे। कार्यक्रम में नारी मुक्ति , सबकी मुक्ति , सबकी मुक्ति जिंदाबाद के नारे पर विशेष जोर दिया गया।


अवसर पर बताया गया कि आंबेडकर ने कहा था कि अगर किसी समाज की प्रगति को जानना है तो इस बात का पता लगा लेना चाहिए कि वहां महिलाओं की स्थिति क्या है? जब भारत में मनुवाद की प्रगाढ़ता हो, कुंठित मान्यता हो, साथ ही वैज्ञानिक शिक्षा का अभाव हो, तो ऐसे में समतामूलक समाज का निर्माण कैसे हो सकता है?
काव्य प्रतियोगिता में सबसे अधिक जोर नारी सशक्तिकरण के लिए विविध आयामों पर सभी छात्र – छात्राओं ने गहनता से अपने विचारों से प्रकट किए। कार्यक्रम के बीच में कई जनवादी गीतों जैसे – “औरते उठ्ठी नहीं तो जोर बढ़ता जाएगा, बेखौफ आजाद है जीना मुझे” आदि गीतों का गायन किया गया। इस कार्यक्रम में उमेश, अविनाश, इप्सिता, सुमित सहित 50 अन्य छात्र उपस्थित हुए ।