विशद कुमार
नाचोसाई ग्राम सभा द्वारा तीन दिवसीय जनता कर्फ्यू दूसरा दिन भी जारी रहा। जनता कर्फ्यू में लिडिंग कन्ट्रकशन और ओम मेटल सोदन डुंगरी, सूड़ी डूंगरी में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। जनता कर्फ्यू में बाहरी कंपनी के लोग गांव में आना मना है। यानि उन दोनों के ठिकेदारों के कर्मियों का आना जाना मना है। ग्राम सभा के लोग महिला-पुरूष ,बच्चे व बुजुर्ग डटे हुए हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2016 से ही ज्ञापन के माध्यम से जिला खनन पदाधिकारी जमशेदपुर, उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर एवं पोटका अंचल.पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है। सूड़ी डुंगरी और सदन डुंगरी को पारंपरिक ग्राम सभा नाचोसाई ने अपनी संस्कृति अस्मिता को बचाने के लिए संघर्षरत है। सदन डूंगरी में पारंपरिक किरपाड़ सुसून अखाड़ा, मांग बुरू बोंगा, मसना(श्मशान) बचाने के लिए संघर्षरत है। आंदोलन जारी है। पारंपरिक ग्राम सभा नाचोसाई ग्राम सभा के सदस्य अपना सांस्कृतिक पहचान, धरोहर, तीर-धनुष, नगाड़ा-मांदर के साथ विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं। गांव के ही कुछ लोग, असामाजिक तत्व कम्पनी के दलाल, शांति भंग करने का प्रयास किया, लेकिन नकाम रहा। उनके मनसूबे को सफल नहीं होने दिया गया। नाचोसाई में बैरिकेटिंग द्वारा कंपनी के लोगों के ट्रकों व यातायात को बंद रखा गया। इस आंदोलन को सहयोग करने के लिए पारंपरिक ग्राम सभा पाऊरू, डाटोबेड़ा, जमशेदपुर प्रखंड के ग्राम सभा कुदादा, बायंगबिल, पोटका प्रखंड पारंपरिक ग्राम सभा कायरासाई, चाकड़ी, रादुड़ कोपे, रामगढ़, मारंगमाली पाटापानी, बानाकाटा, पालीडिह, रोलाडिह, समोरसाई, तेंतला आदि के साथ-साथ झारखंड गणराज्य परिषद, झारखंड मुक्ति वाहिनी, विस्थापित मुक्ति वाहिनी चांडिल, आसनबनी ग्राम सभा चांडिल, भूमि रक्षा वाहिनी कासान मोर्चा, जन संघर्ष समन्वय समिति पोटका पूर्वी सिंहभूम, जन आंदोलन संयुक्त मोर्चा रांची ऐसे कई जनसंगठन नाचोसाई ग्राम सभा को साथ देने के लिए तहे दिल से समर्थन कर रहे हैं। विदित हो कि रामकृष्ण सरदार उनके पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी से ही पारंपरिक ग्राम सभा नाचोसाई के ग्राम प्रधान के रूप में मान्यता दिया जाता रहा है। और अब वर्तमान में भी ग्राम प्रधान के रूप में परंपरा के अनुसार ग्राम प्रधान है। अपनी सांस्कृतिक अस्मिता, पहचान बचाने के लिए कटिबद्ध है।