* विशद कुमार
रेंजर अजय कुमार ने कहा कि मनुष्य एवं पर्यावरण का अटूट रिश्ता है। मनुष्य को पर्यावरण से ही जीवित रहने के लिए रोजमर्रा की चीजें प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण ही नहीं रहेगा तो मनुष्य के साथ धरती पे रहने वाले और भी जीव-जन्तुओं की जीवन कल्पना करना बेइमानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कार्यक्रम एवं ग्रामीणों के सहयोग से भू-माफियाओं द्वारा किया जा रहे वनभूमि में अवैध कब्जों पर नकेल कसा जा सकता है।
बोकारो स्टील सिटी के बांधगोड़ा-सतनपुर पहाड़ी पर रविवार को वन विभाग के अधिकारियों के उपस्थित में नए तकनीकी से बीज बाॅल पौधरोपण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन जनाधिकार मंच, वन समिति सातनपुर बाँधगोड़ा,सहयोगनी, पीपुल्स फ़ॉर जस्टिस, आसस व वन विभाग के संयुक्त तत्वधान में किया गया। जिसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकता योगो पुर्ती ने किया। यह कार्यक्रम 2 सितंबर से जोड़ो इंडिया पुणे एवं सहयोगनी संस्था के सहयोग से बोकारो के विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहा था। कार्यक्रम में बांधगोड़ा, सतनपूर, बाधराईबेड़ा, संतालडीह, तेतुलिया, बिरसा बासा, हनुमान नगर, गुमला नगर, जयपाल नगर सहित जनाधिकार मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही पर्यावरण बचाओं एवं भू-माफियाओं के खिलाफ हल्लाबोल का नारा दिया।
इस दौरान वन विभाग के रेंजर अजय कुमार व सेल बोकारो इस्पात सयंत्र के सीआरएम विभाग के जीएम अंजनी कुमार सिन्हा पर्यावरण संरक्षण में ग्रामीणों का सहयोग देखकर काफी खुश हुए। रेंजर अजय कुमार ने कहा कि मनुष्य एवं पर्यावरण का अटूट रिश्ता है। मनुष्य को पर्यावरण से ही जीवित रहने के लिए रोजमर्रा की चीजें प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि अगर पर्यावरण ही नहीं रहेगा तो मनुष्य के साथ धरती पे रहने वाले और भी जीव-जन्तुओं की जीवन कल्पना करना बेइमानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कार्यक्रम एवं ग्रामीणों के सहयोग से भू-माफियाओं द्वारा किया जा रहे वनभूमि में अवैध कब्जों पर नकेल कसा जा सकता है।


मौके पर मुख्य रूप से वन विभाग के अधिकारी लालन कुमार,जगदीश कुमार, अधिवक्ता रंजीत गिरि, राजकुमार गोराई, पूर्व वार्ड पार्षद कल्याणी प्रसाद सिंह, रेंगों बिरूवा, संजय कुमार, झरीलाल पात्रा, फुलजेन्ट एक्का, रामदयाल सिंह, रूपलाल मांझी, संजू सामंत, विजय बैक,छोटेलाल सोरेन, बंधन तिर्की, रामलाल सोरेन, राम कुमार मांझी सहित ग्रामीण मौजूद थे।