वाराणसीः स्त्रियों-दलितों की हिफाजत के लिए भारत सरकार ने कतिपय कानूनी प्रावधान किए हैं, जिनका कई बार दुरुपयोग भी किया जाता है। ऐसा ही एक मामला आदमपुर थाने में आया था, जिसके विवेचक थे सब इंस्पेक्टर सूरज तिवारी। तिवारी जी ने फोन पर हमारा मोर्चा को बताया कि अदालत के जरिए 156 (3) की मार्फत सामूहिक बलात्कार का मुकदमा एक औरत ने अपनी नाबालिक बेटी की ओर से दर्ज करवाया था, जो कि जाँच में फर्जी पाया गया। पुलिस ने फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने वाली फूहड़ औरत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। ताजा मामले की विवेचना का काम सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार को सौंपा गया है।
वाराणसीः थाना आदमपुर पर पंजीकृत मु0अ0सं0-106/23 धारा 376डी/452/342/506/504 भादंसं व 5जी/6 पाक्सो एक्ट की विवेचना उ0नि0 सूरज तिवारी द्वारा सम्पादित की गयी।
दौरान विवेचना वादिनी द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा 161 सीआरपीसी मे बताया कि मेरी बेटी के साथ कोई भी घटना नही हुई है तथा बयान पीडिता उम्र करीब 16 वर्ष द्वारा अपने बयान अन्तर्गत धारा 161 सीआरपीसी मे बताया गया कि मेरे साथ किसी के द्वारा कोई दुष्कर्म नही किया गया है तथा पीडिता द्वारा बयान अन्तर्गत धारा 164 सीआरपीसी मे बताया गया कि मेरी मम्मी ने यह मुकदमा दूसरे के बहकावे मे आकर लिखवाया है। मेरे साथ कोई घटना नही हुई है। वादिनी मुकदमा का यह कृत्य पाक्सो एक्ट की धारा 22 के अन्तर्गत अपराध का होना पाया गया। तत्पश्चात थाना आदमपुर पर मु0अ0सं0 126/23 धारा 22 पाक्सो एक्ट बनाम मुकदमा वादिनी पंजीकृत किया गया । जिसकी विवेचना उ0नि0 नीरज कुमार थाना आदमपुर कमिश्नरेट वाराणसी द्वारा की जा रही है।