ऑनलाइन तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी इंडलेस जर्नी  फेसबुक पेज के  माध्यम से अपनी कलाकृतियों का जलवा विखेरेगा

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* विशद कुमार

कोरोना संक्रमण के इस काल में नौ कलाकारों के  समूह द्वारा ऑनलाइन तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी इंडलेस जर्नी  फेसबुक पेज के  माध्यम से अपनी कलाकृतियों का जलवा विखेरेगा। इस आनलाइन प्रर्दशनी का वर्चुअल उद्घाटन  बुधवार को पद्मश्री राजेश्वराचार्य, प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डा विजय नाथ मिश्र व पद्मश्री सोमा घोष के द्वारा संयुक्त रूप से करेंगे।  बुधवार से शुक्रवार तक चलने वाला कला के अंतहीन सफर के इस कड़ी में नयी पीढ़ी  एवं  कला समुदाय में एक आशा  और विश्वास को पुनर्जीवित  करने  की दिशा में एक अनूठा प्रयोग सिद्ध होगा। इस ऑनलाइन कला प्रदर्शनी में नौ कलाकारों में  बोकारो के रंजित कुमार,  ईश्वर दयाल, सुनील मोदी, अनिल कुमार (वर्तमान में बहरीन) सहित अन्य राज्यों के कलाकारों में  कौशलेश, मानती शर्मा, मुक्ता गुप्ता, राजेश कुमार, स्नेहलता ने अजंता को समर्पित इस कला प्रदर्शनी के माध्यम से अजंता के चित्रों की लयबद्ध रेखांकन, अलंकारिकता, विषय-वस्तु, वास्तुकला विन्यास  , सुंदर शिल्प विघान आदि का गंभीर अध्ययन करते हुए किसी ने अतीत के रूप में  स्याह रंगो का प्रयोग किया है तो किसी सतरंगी आभा बिखेरी है और किसी ने त्रिआयामी स्वरूपों में गढ़ने का प्रयास किया है।


इस प्रर्दशनी के माध्यम से कला , संगीत व साहित्य का सामंजस्य भी दिखेगा जो अनूठा प्रयोग होगा। नौ कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत इस कला प्रदर्शनी की विशेषता अपने विश्व धरोहर अजंता को समर्पित एवं इतिहास के उन धूमिल पृष्ठभूमि संस्मरण को अपने सृजनात्मक कुशलता द्वारा एक नवीन शाखा के रूप में सृजित  कर प्रस्तुत करना ताकि युवा पीढ़ी को अपने कला की थाती एवं धरोहर की याद ताजा हो सके और अंतर्मन में  छिपे अंधकार की काली घटा छट सके और प्राचीन काल में रचे गए कला की धारा से जुड़ कर नयी दिशा के रूप में सृजन का संसार का मार्ग दर्शन प्राप्त हो सके। इस समूह कला प्रदर्शनी में प्रर्दशित प्रत्येक कलाकृति भविष्य एवं वर्तमान के युवा पीढ़ी में नयी सृष्टि क्षमता विकसित करेगा और एक मार्गदर्शन भी अवश्य प्रदान  करेगा जिससे अनवरत कला का अंतहीन सफर जारी रहेगा।
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