आज दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय गेट नंबर 4 पर अतिथि शिक्षक संघ ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें सितंबर-दिसम्बर 2019 से SOL अतिथि शिक्षकों का वेतनमान न दिए जाने, सितंबर-दिसंबर 2019 सत्र का NCWEB अतिथि शिक्षकों का वेतनमान 500 रुपये प्रति कक्षा काटे जाने, NCWEB द्वारा जनवरी-मई 2020 सत्र का वेतनमान न मिलने के विरोध में तथा Sol और NCWEB द्वारा उत्तर पुस्तिका जांचने के पैसे का भुगतान न किए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के साथ ही साथ यह मांग रखी गई कि NCWEB और SOL में वेतनमान को शिक्षण माह के अंत में देने का प्रावधान किया जाए। विरोध प्रदर्शन में कई अतिथि शिक्षक और छात्र सम्मिलित हुए। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने अपना समर्थन अतिथि शिक्षको को देते हुए कहा कि “यह अमानवीय है कि गेस्ट टीचर इतने लंबे समय से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं”। साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से सीधा सवाल किया कि “एक ही विश्वविद्यालय में अलग-अलग वेतन क्यों? यह मनमानी नहीं चलेगी”। एकेडमी फोरम फ़ॉर सोशल जस्टिस के अध्यक्ष प्रो. केदार कुमार मंडल ने कहा कि “यह शिक्षक और शोधकर्ताओं की मजबूरी है कि वह सड़क पर आकर आंदोलन कर रहा है। जबकि वह पढ़ाना चाहता है। यह प्रशासन उसका दमन कर रहा है।” अतिथि शिक्षक डॉक्टर राम अनुज तिवारी ने कहा कि “हम, शिक्षक बहुत सारी समस्यओं का सामना कर रहे हैं। प्रशासन जल्द ही हमारा वेतन हमें दे”। शिक्षक सूरज राव ने अपनी बात रखते हुए इसे दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन, एनसीवेब और एसओएल की नाकामी बताई कि शिक्षकों को इस तरह प्रताड़ित कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक संघ की अध्यक्ष आरती रानी प्रजापति ने कहा कि, “हमारी सिर्फ यह मांग नहीं है कि वेतन दें, बल्कि वेतन को हर महीने दिया जाए यह भी हमारी महत्वपूर्ण मांग है। और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती हम आंदोलन करते रहेंगे।” विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को उपरोक्त मुद्दों के समर्थन में ज्ञापन भी दिया गया।