एनडीए विरोधी दलों, नागरिक संगठनों से माले ने मांगा समर्थन

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  • विशद कुमार
तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, बिहार में एपीएमसी एक्ट पुनर्बहाल करने और प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लेने की मांग पर महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर 30 जनवरी को आयोजित मानव शृंखला को ऐतिहासिक बनाने के लिए भाकपा-माले ने एनडीए विरोधी राजनैतिक दलों, गैर-राजनीतिक-नागरिक संगठनों, सामाजिक कर्मियों, शिक्षकों और तमाम न्यायप्रिय नागरिकों से सक्रिय समर्थन देने की अपील की है। इस संदर्भ में माले ने सभी संगठनों को एक पत्र भी लिखा है।
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल के हस्ताक्षरयुक्त पत्र को लेकर भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव के नेतृत्व में एक टीम ने सभी जगहों का दौरा किया। इस टीम में उनके साथ ऐक्टू के राज्य सचिव व पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य रणविजय कुमार तथा पटना नगर भाकपा-माले की स्थायी समिति के सदस्य काॅ. मुर्तजा अली भी शामिल थे।
टीम ने आज इमारत-ए-शरिया का दौरा किया और मानव शृंखला में शामिल होने की दावत दी। सीपीआईएम के विभिन्न समूहों को भी आमंत्रण दिया गया है। भारत जन-पहल के बलदेव झा, कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया के सतीश कुमार, श्रम मुक्ति संगठन के जयप्रकाश ललन, सर्वहारा जन मोर्चा के अजय सिन्हा, सीपीआई एमएल क्लास स्ट्रगल के अरविंद सिन्हा, दलित विकास मिशन के फादर जोंस, सामाजिक कर्मी सत्यनारायण व कंचन बला, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर, गांधी संग्रहालय के निदेशक रजी अहमद, असंगठित क्षेत्र कामगार यूनियन के पंकज कुमार आदि से मानव शृंखला में शामिल होने की अपील की।
शिक्षकों में एनआईटी के पूर्व शिक्षक प्रो. संतोष कुमार, पटना विवि इतिहास विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, पत्रकार इंदू भारती, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट में कार्यरत शिक्षक विद्यार्थी विकास के अलावा फादर मंथरा, अरशद अजमल, विनोद रंजन, सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश आदि से मुलाकात की, तीनों कृषि कानून पर चर्चा की और 30 जनवरी को होने वाली मानव शृंखला में संगठन व व्यक्ति के स्तर पर शामिल होने की अपील की।
उधर दूसरी ओर आज छात्र संगठन आइसा ने पटना विवि के साइंस काॅलेज व पटना काॅलेज में छात्रों के बीच 30 जनवरी की मानव शृंखला को लेकर सघन अभियान चलाया। आइसा नेता विकास यादव, दानिश, सरोज, कार्तिक पासवान, सुधाकर व अपूर्व झा के नेतृत्व में छात्रों ने कैंपस व हाॅस्टल में सघन अभियान को संगठित किया तथा छात्रों के बीच मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों की असलियत पर अपनी बातें रखीं। छात्र नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए ये कानून न केवल खेती को बर्बाद करने वाले हैं, बल्कि अंग्रेजों के जमाने का कंपनी राज लाने वाले हैं। 30 जनवरी की मानव शृंखला में पटना विवि के छात्र भी देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरेंगे, मानव शृंखला में शामिल होंगे और किसान आंदोलन से अपनी एकजुटता जाहिर करेंगे

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