राज्य में मनरेगा कर्मियों के सामूहिक इस्तीफे के लिए चलाया जा रहा है हस्ताक्षर अभियान 

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* विशद कुमार

शुक्रवार को राज्य भर के मनरेगा कर्मचारी लगातार 19वें दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे। हड़ताल के कारण राज्य भर में मनरेगा की स्थिति काफी खराब हो गई है। विभाग ने भले ही हड़ताल को प्रभावहीन साबित करने के उद्देश्य से फर्जी लेबर डिमांड एवं मास्टर और निर्गत करा दिया हो, लेकिन उन सभी मास्टर रोल में अपेक्षाकृत मानव दिवस का सृजन ना होना, यह साबित करता है, कि स्थल पर न तो कार्य हुआ है नहीं वास्तव में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है बल्कि सरकार को खुश करने के लिए एमआईएस में फर्जी आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। इस बात की जानकारी देते हुए प्रदेश सचिव जॉन पीटर बागे ने कहा कि हड़ताल से पूर्व 26 जुलाई को पूरे राज्य में लेबर इंगेजमेंट 477949 था, जो 31 जुलाई को घटकर 268960 गया, उसके बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा जेएसएलपीएस एवं स्वयं सहायता समूह के मदद से फर्जी डिमांड करने का सिलसिला शुरू हुआ, जो उत्तरोत्तर बढ़कर चार लाख के आस पास पहुंच गया।

प्रतिदिन लेबर इंगेजमेंट के अनुसार हड़ताल के 18 दिनों में अमूमन 63 लाख मानव दिवस सृजित होना चाहिए था, किंतु राज्य भर में इन 18 दिनों में मात्र 547458 मानव दिवस का ही सृजन हुआ है जो निर्गत मास्टर रोल की अपेक्षा 10 प्रतिशत से भी कम है। योजनाओं के क्रियान्वयन के अन्य पैरामीटर में भी अपेक्षाकृत काफी गिरावट आया है। विदित हो कि जो काम आज पंचायत के चार स्वयंसेवक, तीन स्वयं सहायता समूह की महिला दीदी, दो सोशल ऑडिट यूनिट के सदस्य मिलकर भी नहीं कर पा रहे हैं, वो काम पंचायत स्तर पर अकेले एक रोजगार सेवक को करना पड़ता है। स्पष्ट है कि मनरेगा कर्मियों का शोषण पराकाष्ठा पर है और 9-10 लोगों का काम अकेले करने वाले मनरेगा कर्मियों का पेट भरने के लिए सरकार संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में लालफीताशाही चरम पर है, आंदोलन को कुचलने के लिए हमारे प्रदेश अध्यक्ष तथा धनबाद के जिला अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारी मनरेगा कर्मियों को डरा कर उनका फिर से शोषण करना चाहते हैं, लेकिन राज्य भर के मनरेगा कर्मी बर्खास्त होने के लिए तैयार है, लेकिन डरने के लिए तैयार नहीं हैं।

पूरे राज्य में मनरेगा कर्मियों के सामूहिक इस्तीफा के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है, मनरेगा कर्मचारी संघ, मानवाधिकार आयोग तथा न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगा। यदि जल्द ही हमारे साथियों की सेवा वापस नहीं होती है तो माननीय मंत्री तथा माननीय मुख्यमंत्री के आवास पर घेरा डालो डेरा डालो का कार्यक्रम किया जाएगा, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि जब तक लिखित समझौता नहीं होता तब तक हड़ताल पर डटे रहेंगे।
प्रदेश महासचिव मोहम्मद इम्तियाज ने कहा कि राज्य भर के मनरेगा कर्मी अपने अपने क्षेत्रीय विधायकों से मिलकर अपनी मांगों से अवगत करा रहे हैं तथा उनका समर्थन भी प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे ने आज माननीय विधायक पुर्णिमा नीरज सिंह से मुलाकात कर अपनी बातों को रखा साथ ही रांची के साथियों द्वारा  खिजरी विधायक माननीय श्री राजेश कच्छप, मांडर विधायक माननीय श्री बंधु तिर्की एवं तमाड़ के माननीय विधायक विकास मुंडा से मिलकर मनरेगा कर्मियों ने अपनी पीड़ा से अवगत कराया। जिसपर माननीय विधायको  ने कहा कि मनरेगा कर्मियों की मांगें जायज है इसके5 लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है तथा  सरकार से अपील है कि मनरेगा कर्मियों की मांगों पर  जल्द से जल्द पूरा करने के लिए लिखित समझौता किया जाए।

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