स्वच्छ ऊर्जा पर भारत सरकार के विशेषज्ञ पैनल की बीएचयू में समीक्षा बैठक सम्पन्न

0
367

वाराणसी 11-10-2023। विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार] के एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा सामग्री त्वरण प्लेटफार्म (आईसी-एमएपी) और एडवांस हाइड्रोजन और ईंधन सेल (एएचएफसी) पर दो दिवसीय विशेषज्ञ पैनल समीक्षा बैठक आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संपन्न हुई। मोबिलिटी प्रोटोटाइप के माध्यम से उपयोग को प्रदर्शित करने वाले हरित H2 उत्पादन का उद्घाटन काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा प्रभाग डीएसटी की प्रमुख डॉ. अनीता गुप्ता और जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा प्रभाग के निदेशक डॉ. रंजीत कृष्ण पई और प्रो. आर.आर. सोंडे आईआईटी दिल्ली द्वारा देश भर से आए प्रतिष्ठित डोमेन विशेषज्ञों की उपस्थिति में किया गया। लागत प्रभावी फोटोकैटलिटिक तरीके से सोलर ग्रीन हाइड्रोजन के थोक उत्पादन के लिए एक नवीन और टिकाऊ क्वांटम-व्युत्पन्न तकनीक ग्रीन केप्लरेट प्रयोगशाला बीएचयू में डॉ. सोमनाथ गराई और प्रोफेसर एस. श्रीकृष्ण द्वारा विकसित की गई थी। फोटो-कैटलिसिस के माध्यम से H2 ग्रीन ईंधन का उत्पादन करने के लिए सौर विकिरण का उपयोग ऊर्जा ईंधन की प्रभावी खरीद के लिए एक वास्तविक समय की व्यावहारिक तकनीक है। स्थापित क्वांटम टेक्नोलॉजी विशिष्ट इलेक्ट्रोलाइज़र की तुलना में बहुत तेज दर से ग्रीन H2 का उत्पादन करने में सक्षम है] जहां पूंजी और परिचालन व्यय काफी कम है। वैकल्पिक हरित ईंधन] H2 ईंधन सेल उद्योग] बिजली उत्पादन  उद्योग] ऑटो-मोबाइल उद्योग आदि से संबंधित उद्योग इस नवीन प्रौद्योगिकी के कुछ प्रमुख लाभार्थी हैं। इस अगली पीढ़ी की तकनीक का विवरण पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति में उजागर किया गया है: https://dst.gov.in/cutting-edge-quantum-technology-backed-green-hydrogen-production-unveiled-power-green-future.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here