महिला महाविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रीता सिंह ने बताया कि महामना का मानना था कि छात्रों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अनिवार्य है। उनका दृष्टिकोण छात्रों के सर्वांगीण विकास का था। अपने दृष्टिकोण को जारी रखने के लिए काशी हिंदू विश्व विद्यालय ने ‘छात्र कल्याण और नेतृत्व विकास’ कार्यक्रम शुरू किया है, इसके तहत वर्ष भर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
13 अक्टूबर 2023 को प्रेरण कार्यक्रम के दूसरे दिन, महिला महाविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में “छात्र कल्याण और नेतृत्व पहल के बारे में जानें” कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर नीलम श्रीवास्तव (छात्र सलाहकार) द्वारा किया गया। प्रोफेसर श्रीवास्तव ने छात्रों को बताया कि विश्वविद्यालय ने केवल 75% उपस्थिति की अनिवार्यता इसलिए तय की है क्योंकि 25% समय ऐसी गतिविधियों के लिए आवंटित किया जाता है जिससे छात्राएँ विभिन्न खेलों, छात्र कल्याण और नेतृत्व विकास कार्यक्रमों में भाग ले सकें। इस कार्यक्रम में डॉ. वैशाली, डॉ. शिल्पा, प्रोफेसर ललिता वत्ता और प्रोफेसर निशात ने छात्राओं के साथ बातचीत की। और बताया कि एमएमवी में निरंतर परामर्श सहायता उपलब्ध है, यदि कोई छात्रा किसी भी प्रकार का तनाव या कोई भावनात्मक समस्या महसूस करती करता है तो शिक्षक उसकी बात सुनने के लिए वहां मौजूद हैं और उसकी समस्या को हल करने का प्रयास करेंगे। छात्राओं को उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उनमें नेतृत्व की गुणवत्ता विकसित के तरीकों, और भविष्य में होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानकारी दी गई ।
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