जीवनशैली जन्य रोगों में आयुर्वेद को बढ़ावा देने की कवायद

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वाराणसीः ऑल इंडिया आयुर्वैदिक स्पेशलिस्ट पी.जी. एसोसिएशन के वाराणसी ब्रांच द्वारा दिनांक 4 नवंबर 2023 को “आयुकॉन 2023- नेशनल कांफ्रेंस ऑन मेनस्ट्रीमिंग ऑफ आयुर्वेद इन प्राइमरी हेल्थ केयर” का आयोजन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सेमिनार कॉम्प्लेक्स में द्रव्यगुण विभाग, आयुर्वेद संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त रूप से किया जा रहा है। ऑल इंडिया आयुर्वैदिक स्पेशलिस्ट पी.जी. एसोसिएशन, देश के सबसे प्राचीन आयुर्वेद के संगठनों में से एक है जिसकी स्थापना के पीछे मूल उद्देश्य था- आयुर्वेद के प्रचार प्रसार एवं देश के स्वास्थ्य में आयुर्वेद को महत्वपूर्ण स्थान दिलाना। वर्तमान में देश एवं विदेश में इसके लगभग हजारों सदस्य हैं।

आजादी के बाद से देश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में देश ने बहुत तरक्की की है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की अत्यधिक विकास के बावजूद अभी भी हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं समुचित रूप से उपलब्ध नहीं हो पायी है। पिछले दो-तीन दशकों का आंकड़ा देखें तो पता चलता है पहले जहां सत्तर के दशक में संक्रामक रोगों से ग्रसित लोगों की संख्या ज्यादा देखने को मिलती थी और गैर-संक्रामक या जीवनशैली जन्य रोगों की संख्या कम होती थी। आधुनिक चिकित्सा विज्ञानं में एंटीबायोटिक्स की खोज के कारण संक्रामक रोगों पर काफी हद तक विजय प्राप्त कर चुके हैं लेकिन गैर-संक्रामक और जीवनशैली जन्य रोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है| इसी उद्देश्य से आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा तेजी से प्रयास किया जा रहे हैं जिससे जीवन शैली जन्य रोगों में आयुर्वेद को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए क्यों आयुर्वेद ही सबसे बेहतर और हानि रहित इलाज है। इसके लिए आयुष हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है जिसके माध्यम से प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर लोगों को आयुर्वेद इलाज मिल सके।  पिछले 5 सालों में लगभग 12500 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना की जा चुकी है जो की निरंतर जारी है | हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के स्तर पर ही लोगों को आयुर्वेद इलाज उपलब्ध हो सके और आयुर्वेदिक इलाज के माध्यम से ही गैर-संक्रामक रोगों या जीवन शैली जन्य रोगों पर काबू पाया जा सके।

4 नवंबर 2023 को होने वाले सेमिनार का विषय इसी पर आधारित है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले विशेषज्ञ इस बात पर चर्चा करेंगे की प्राइमरी हेल्थ केयर में आयुर्वेद की कौन-कौन सी दवाएं तथा आयुर्वेद के कौन से सिद्धांत के आधार पर रोगो पर नियंत्रण किया जा सके।

अब तक लगभग ढाई सौ लोगों ने इस कांफ्रेंस के लिए पंजीकरण करा लिया है और इसमें लगभग 200 शोध पत्र भी पढ़े जाएंगे जिसका लाभ इसमें भाग ले रहे हैं प्रतिभागियों को मिल सकेगा।

कॉन्फ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद आयोजन सचिव डॉ राशी शर्मा तथा कॉन्फ्रेंस के संयोजक एवं वाराणसी ब्रांच के सचिव डॉ अजय कुमार के अनुसार यह कार्यक्रम प्रात: 8:00 बजे से शुरू होकर शाम के 8:00 तक चलेगा इसमें विभिन्न सेशन में शोध पत्र पढ़े जाएंगे।

पत्रकारवार्ता को आयुर्वेद संकाय के प्रमुख प्रो. पी.के. गोस्वामी, प्रो. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. अजय कुमार, डॉ. राशि शर्मा, प्रो. जे.एस. त्रिपाठी ने सम्बोधित किया।

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