मज़दूर संगठनों द्वारा श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी संशोधनों का विरोध

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23 सितंबर 2020, लुधियाना। कारखाना मज़दूर यूनियन और टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन ने केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में मज़दूर विरोधी संशोधनों के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है। 25 सितंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ़ पंजाब बंद के आह्वान के तहत लुधियाना में विभिन्न जनसंगठनों द्वारा हो रहे रोष प्रदर्शन में केंद्र सरकार के इस घोर मज़दूर विरोधी कदम के खिलाफ़ भी ज़ोरदार आवाज़ बुलंद की जाएगी। मोदी हुकूमत ने शनिवार को लोकसभा में तीन बिल- इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड बिल, 2020; कोड ऑन सोशल सेक्योरिटी बिल, 2020 और आक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एण्ड वर्किंग कंडिशन कोड बिल, 2020 पेश किए थे। मंगलवार को बेहद गैर-जनवादी ढंग से इन बिलों को पारित कर दिया गया। इससे पहले पिछले साल वेतन कोड भी पारित कर दिया गया था।

टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर सिंह द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नए श्रम कानूनों के तहत 300 या इससे कम मज़दूरों वाले उद्योगों में सरकार की अनुमति के बिना मज़दूरों की छँटनी की जा सकेगी। इससे पहले यह संख्या 100 थी। इन काले कानूनों के जरिए मज़दूरों की हड़ताल भी सख्त पाबंदियाँ लगाई गई हैं। पिछले साल पारित वेतन कोड के जरिए अन्य अधिकारों के अलावा न्यूनतम वेतन और आठ घंटे कार्य दिवस के अधिकार पर हमला बोला गया था। संगठनों का कहना है कि मोदी हुकूमत ने इन काले श्रम कानूनों के जरिए पूँजीपति वर्ग द्वारा मज़दूर वर्ग की लूट पहले से कहीं अधिक तीखी करने का प्रबंध कर दिया है।

उन्होंने अपील की है कि 25 सितंबर को डीसी कार्यालय लुधियाना पर होने वाले रोष प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सभी इंसाफपसंद लोग सुबह 10 बजे नई कचहरी के पास स्थित पंजाबी भवन पहुँचें।

-जारी कर्ता

राजविंदर सिंह,

अध्यक्ष, टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब।

फोन नं- 9888655663

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