झारखंड में मजदूर नेताओं से स्पेशल ब्रांच की पूछताछ, दमन के नये दौर की आशंका 

0
894
रूपेश कुमार सिंह
स्वतंत्र पत्रकार
झारखंड में मजदूर नेताओं से झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने पूछताछ प्रारंभ की है, जिसके तहत झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष बच्चा सिंह से 16 जुलाई को उनके घर पर पूछताछ हुई है और इसी यूनियन के नेता रघुवर सिंह, रज्जाक अंसारी, नागेश्वर महतो को पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया है।
झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष बच्चा सिंह ने 16 जुलाई को अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया है, “आज 16 जुलाई को शाम के 3 बजे हमारे निवास पर एक गाड़ी बोकारो थर्मल थाना के पुलिस के साथ स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर आया हुआ था। वह अपनी गाड़ी हमारे घर से नीचे करीब एक सौ मीटर दूरी पर ही छोड़ कर आया था तथा पुलिस की गाड़ी साथ में थी और हमारे पिताजी से इन लोगों को मुलाकात हुई। पिताजी को हमें बुलाने को कहा, जब मैं अपने घर से बाहर आया तो देखा कि पुलिस के साथ दो व्यक्ति सिविल ड्रेस में खड़ा है, जब मैंने पूछा कि क्या है भाई? आप लोग कौन हैं? तब सिविल ड्रेस वाले ने बोला कि हम दोनों स्पेशल ब्रांच बोकारो से आये हैं। फिर उसमें से एक व्यक्ति ने बोला कि आप अभी हमारे साथ थाना चलें, कुछ बात करनी है। मैंने पूछा क्या बात करनी है? तो उसमें से एक व्यक्ति बताया कि बात करने में समय लगेगा। तब मैंने बोला कि आप यहां बैठ सकते हैं मैं कुर्सी निकलवा दे रहा हूं, फिर वो दोनों और थाना के एक दरोगा साथ में बैठे और हमारे पंचायत के मुखिया के पति चन्द्रदेव घांसी को भी वो लोग साथ में लेकर आया था। सबसे पहले उन लोगों ने हमसे हमारे घर के तमाम सदस्य के बारे में बातचीत किया उसके बाद हमसे पूछा आप अभी (जेकेएमयू) झारखण्ड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के बारे में बताएं कि कबसे इस यूनियन में काम कर रहे हैं? म इन सारी बातों पर बातचीत होने के बाद उसने रज्जाक अंसारी, रघुवर सिंह, नागेश्वर महतो को कल थाना आने के लिए बोलने बोला, तो मैंने बोला भी कि यूनियन के बारे में जब बात चीत हो गई तो इन लोगों को कल थाना जाने की क्या जरूरत है? तो फिर उसने बोला कि कुछ बात उनलोगों से भी करनी है। इसलिए साथियों अब इसे समझना होगा कि स्पेशल ब्रांच के लोग बातचीत करने के लिए अपना कार्यालय बुला सकते हैं। पर इन स्पेशल ब्रांच के लोगों को उन साथियों को बातचीत के लिए थाना बुलाने का क्या औचित्य है?”
मालूम हो कि पहले बच्चा सिंह समेत ये सभी मजदूर नेता पंजीकृत ट्रेड यूनियन ‘मजदूर संगठन समिति (मसंस)’ के नेता हुआ करते थे, जिसे 22 दिसंबर 2017 को झारखंड की तत्कालीन रघुवर दास (भाजपा) सरकार ने भाकपा (माओवादी) का मुखौटा संगठन बतलाकर प्रतिबंधित कर दिया था। मसंस के प्रतिबंधित हो जाने के बाद इनके सभी नेताओं पर UAPA के तहत मुकदमे भी दर्ज हुए और कई मजदूर नेताओं को जेल भी जाना पड़ा। कालांतर में मसंस के कई नेताओं  ने लगभग दो दशक से झारखंड में कार्यरत पंजीकृत ट्रेड यूनियन ‘झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन (जेकेएमयू) की सदस्यता ले ली। वैसे, मजदूर संगठन समिति से प्रतिबंध वापस लेने की याचिका दो वर्ष से रांची उच्च न्यायालय में लंबित है।
अब झारखंड में सत्ता परिवर्तन हो गया है और रघुवर दास (भाजपा) के जगह पर हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) मुख्यमंत्री हैं, लेकिन स्पेशल ब्रांच द्वारा मजदूर नेताओं के घर पर जाकर पूछताछ करना व पूछताछ के लिए थाना बुलाना कहीं दमन के नये दौर की शुरुआत तो नहीं है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here