वाराणसी : आज 12:30 बजे से अंबेडकर पार्क कचहरी वाराणसी में किसान विरोधी कृषि कानूनो के खिलाफ अधिवक्ता जन वाराणसी द्वारा विरोध सभा का आयोजन किया गया। सभा का संचालन करते हुए अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव ने तीनों कृषि कानूनो को काला कानून, किसान विरोधी व आम जन विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीपतियो के इशारे पर जो तीनों कृषि कानून बनाया है उनमें से पहला कृषि कानून पूजीपतियों को आवश्यक वस्तुओ की जमा खोरी व कालाबाजारी का असीमित भंडारण का अधिकार देता है। दूसरे कानून के माध्यम से सरकारी सरकारी मंडियो को बर्बाद कर देश में प्राइवेट मंडीयो को मनमाने तरीके से स्थापित करने का साधन बनाया
तीसरे कानून के माध्यम से सरकार ने खेती को कांटेक्ट देने का ऐसा नियम बनाया जो बिना पूजी पतियों के मर्जी के खत्म नहीं होगा। इस प्रकार सरकार ने किसानो व आम जन को बर्बाद करने के लिए तीनों काला काला कानून बनाया है।
सभा व मार्च की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विश्राम यादव ने कहा कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधी कानून नहीं बनेगा किसानों का उत्पीड़न बंद नहीं होगा और दलालों के माध्यम से पूजी पतियों के गोदाम में सरकारों के संरक्षण से अनाज जमा होंगे।
सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामदुलार जी ने तीनों किसान विरोधी काले कानूनों की आलोचना करते हुए तत्काल संसद के माध्यम से समाप्त करने की मांग किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मंसा राम जी ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों पर सरकार की गलत नीतियो की आलोचना करते हुए उनको शहीद का दर्जा दिए जाने और उनके आश्रित को कम से कम 2500000 की आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार गुप्ता ने बनारस के किसान नेताओं के ऊपर लगाए गए गुंडा एक्ट व अन्य फर्जी मुकदमो को तत्काल वापस लेने की मांग किया।
अधिवक्ता रामराज अशोक ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए EVM के स्थान पर वैलेट पेपर से चुनाव कराने की मां करते हुए कहा कि 8 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि EVM के माध्यम से फ्री फेयर एंड ट्रांसपेरेंट चुनाव नहीं हो सकता इसके बावजूद यह सरकार जनता के आंदोलन का इसलिए दमन कर रही है क्योंकि उसे वोट की जरुरत नहीं है, वह पूजी पतियों के बल पर EVM को हैक करके निर्धारित बोट हासिल कर ले रही है ।
वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय कमलेश यादव जी ने पिछड़ी जातियों की जातीगत जनगणना की माँग करते हुए कहा कि इस देश में जानवरों की गड़ना होती है लेकिन 1931 के बाद से आज तक पिछड़ो कि जातिगत जनगणना नहीं हुई। सरकार मे बैठे लोग पिछड़ो को लड़ाने के लिए हिंदू बनाते हैं और हक देने के लिए शूद्र बना देते हैं, क्योंकि उनकी गड़ना नहीं है इसलिए उनकी संख्या से अनुपात में योजनाएं नहीं बन पा रही है।
बनारस बार के उपाध्यक्ष माननीय अशोक कुमार जी ने किसान आंदोलन में शामिल लोगों के उत्पीड़न की आलोचना करते हुए कहां की सरकार दिल्ली बार्डर व देश के अन्य हिस्सों में चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलन का दमन बन्द करे, उनके ऊपर लगाए गए फर्जी मुकदमे तत्काल वापस ले।
सभा के बाद अधिवक्ताओ के नेतृत्व में किसान नेता, बुनकर नेता, समाजिक कार्यकर्ता, सैकड़ों की तादाद में अंबेडकर पार्क से किसान विरोधी काले कृषि कानून वापस लो वापस लो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाओ कानून बनाओ, पूंजीपतियों की दलाली बंद करो बंद करो, किसान नेताओं पर फर्जी मुकदमे वापस लो वापस लो, किसान आंदोलन में जुड़े लोगों का उत्पीड़न बंद करो बंद करो जैसे नारे लगाते हुए जिला मुख्यालय कचहरी वाराणसी तक मार्च करते हुए आए ।
जिला मुख्यालय पर सात सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी वाराणसी के प्रतिनिधि के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भेजा गया।
विरोध सभा को शबाना परवीन, सीता, नंदलाल मास्टर, योगीराज पटेल, विवेक यादव, मनीष शर्मा, नरेंद्र, जय शंकर सिंह, रामजन्म बोधा अंसारी, हरीश , लक्ष्मण, अनिल सिंह, अजय मुखर्जी, रवि चौधरी, मनोज , जितेंद्र ,अरविंद यादव, प्रेम नाथ शर्मा , कार्तिकेय सिंह यादव , सुरेंद्र दिवाली सिंह यादव चंद्न राज आदि अधिवक्ताओ व नेताओं ने संबोधित कर अपना समर्थन जाहिर किया ।
सभा व विरोध मार्च में शामिल होकर ज्ञापन देने वालों में मुख्य वीर बहादुर राजभर, राजेश यादव, विनोद कुमार शर्मा, ओमप्रकाश, सुरेंद्र चरण, राजनाथ, मुन्ना लाल यादव, सत्य प्रकाश, बृजेश श्रीवास्तव, बी एन सिंह सहित सैकड़ों लोग मुख्य रुप से से शामिल थे।