30 अक्टूबर 2025 को 06:32 pm बजे
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कठपुतली नाटक ‘हिन्द के सरदार’ से लौह पुरुष को अनोखा नमन

कठपुतली नाटक ‘हिन्द के सरदार’ से लौह पुरुष को अनोखा नमन

चौबेपुर, वाराणसीः कठपुतली नाटक 'हिन्द के सरदार' का प्रथम प्रदर्शन किया गया सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर किया गया नमन 54 मिनट के कठपुतली नाटक में कुल 78 कठपुतलियों ने बताया लौह पुरुष का जीवनवृत्त

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भारत के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में क्रिएटिव पपेट आर्ट्स ग्रुप द्वारा पटेल जी के जीवनवृत्त पर आधारित कठपुतली नाटक “हिन्द के सरदार” का प्रदर्शन भंदहा कला कैथी स्थित आशा लाइब्रेरी में किया गया। यह पटेल जी के जीवनवृत्त पर आधारित देश का प्रथम कठपुतली नाटक है, जिसमें कुल 78 कठपुतलियों का प्रयोग किया गया है। 54 मिनट की इस प्रस्तुति में कुल 6 कठपुतली कलाकारों ने प्रतिभाग किया।

नाटक के बारे में बताते हुए कार्यक्रम संयोजक एवं सुविख्यात कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे ने बताया कि पटेल जी के जीवन पर आधारित इस कठपुतली नाटक का कथानक राजसमंद, राजस्थान के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र निर्मल द्वारा लिखित है। इस नाटक में प्रयुक्त होने वाली कठपुतलियों को बनाने और नाट्य रूप देने में लगभग एक वर्ष का समय लगा। उन्होंने बताया कि पटेल जी के 150वें जयंती वर्ष में देश भर में इस नाटक की 150 प्रस्तुतियाँ करने का लक्ष्य है।

कार्यक्रम में आए लोगों का अभिनंदन करते हुए आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल, भारतीय राजनीति के एक दिग्गज और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री थे। वे एक सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने महात्मा गांधी से प्रभावित होकर अहिंसा के सिद्धांतों का प्रयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध लड़ने के लिए किया। उन्होंने जीवन भर देश की स्वतंत्रता और विकास के लिए एकता और अखंडता के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 562 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

नाटक प्रस्तुति कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे के नेतृत्व में अनिल कुमार, विशाल सिंह, सुजीत कुमार, पंकज कुमार, विशाल कुमार द्वारा की गई। आयोजन में प्रदीप कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, सौरभ चंद्र, दीनदयाल सिंह, ज्योति सिंह, साधना, सरोज, श्वेता आदि की विशेष भूमिका रही। इस अवसर पर डॉ. विद्यसागर पाण्डेय, डॉ. शशिभूषण सिंह, गोविन्द चौबे, नीरज चौबे, श्यामाचरण पाण्डेय, सौरभ सिंह, अरुण पाण्डेय, शिवेन्द्र सिंह, रामजनम, रणवीर पाण्डेय, शशि प्रकाश, मनोज यादव, रमेश प्रसाद, गोरख आदि की उपस्थिति रही।