बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के मनोरोग विभाग के प्रमुख डॉ. जे. एस. यादव का साक्षात्कार देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें।
हमारा मोर्चा की ओर से यह जानने की कोशिश की गई है कि साइकियाट्री की दवाओं का प्रजनन स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। खुशी बढ़ाने वाली अधिकांश दवाएं स्त्रियों के यौन जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। स्किजोफ्रेनिया की दवाएं प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन को बहुत अधिक बढ़ा देती हैं, रासायनिक असंतुलन की वजह से स्त्रियों को मूँछें निकल आती हैं, चेहरा भद्दा दिखने लगता है।
बाइपोलर डिसआर्डर की अब तक की समस्त दवाएं (जोनाल्टा को छोड़कर) नपंसुकता-यौन एहसास के अभाव का कारण बनती हैं।
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पाठक अगर चाहें तो अपने प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में लिख दें, हमारा मोर्चा की ओर से उन्हें किसी साइकियाट्रिस्ट के पास उत्तर के लिए भेज दिया जाएगा।