संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि अजादी के 75 वर्ष गुजर जाने के बाद भी सबसे जबसे मजबुत लोकतंत्र का दावा करने वाली पूँजिपतियों की सत्ता और सरकारें दलितों अल्पसंख्यकों, महिलाओं के उत्पीड़न पर अंकुश नहीं लगा पाई हैं। जालौर (राजस्थान) में दलित छात्र मेघवाल की पीटकर हत्या व बिल्किस बानों के मामले में अदालत से उम्रकैद की सजा पाये दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा दिया गया क्षमादान इसका ज्वलंत उदाहरण है।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में चले किसान आंदोलन के दौरान तबामपुर खीरी एक महल केन्द्र रहा है। अक्दबर 2021 की जघन्य घटना की मिसाल कम ही मिलती है। तिकोनियालिखीम में किसान कृषि कानूनों के विरोध में कार्यक्रम कर रहे थे, उसी दौरान भाजपा के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपने गुडों को साथ लेकर प्रदर्शन से लौट रहे किसानों के उपर गाड़ी बढ़ा दी। इस घटना में 4 किसान और एक पत्रकार सहित लोग मारे गये थे। किसान आंदोलन के दवाव में अपराधियों को गिरफ्तार तो किया गया। लेकिन तमाम दवाब के बावजुद भाजपा ने गह राज्यमंत्री अजय मिश्रा से इस्तीफा नहीं लिया गया। बाद में मंत्री के बेटे को भी जघन्य अपराध बावजूद निचली अदालत से छोड़ दिया गया लेकिन हाईकोर्ट के आदेश से वह अमी जेल में है। मौजदा समय पर अपराधियों के स्थान पर कित्तानों को ही अधिक निशाना बनाया जा रहा है। किसान आंदोलन की जीत से खिसियाई मोदी सरकार एक बार पुनः किसानों पर हमलावर हो गयी है। जिस विद्युत कानुन को लाने से उस वक्त मोदी सरकार ने दबाव में इंकार किया था आंदोलन समाप्ति पर वह उसे लाने के प्रयास में जुटी हुई है। इसी तरह किसान आंदोलन में शहीद किसानों को मुआवजा देने, नुकदमे वापस लेने की बातों से भी मोदी सरकार मुकर गयी है उल्टे वह किसानों को ही निशाने पर ले रही है।
हमारी प्रमुख मांगे
- लखीमपुर खीरी जिला के टिकोणिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजिश रचने के मामले में दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
2 घडा से पानी पीने के कारण दलित छात्र इन्द्र मेघवाल को मारने वाले अध्यापक के खिलाफ सख्त फास्ट अदालती कानूनी कार्यवाही कर सजा दिलाया जाय।
3. गुजराज सरकार द्वारा बिल्किस बानों के गैंग रेप (बालात्कार) मा० उच्च न्यायालय से उम्र कैद की सजा पाये अपराधियों को दिये क्षमा दान को वापस लिया जाय, और उनको तुरन्त जेल भेजा जाय। किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य सदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लादे गए हैं, सभी तुरंत वापस लिए जाएं। 7. जनविरोधी बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए। 8. भारत के सभी किसानों के सभी प्रकार के कर्ज समाप्त करते हुए समाप्त करते हुए उन्हें ऋण मुक्त किया जाए। 9. उत्तर प्रदेश की सभी गन्ना मिलों की तरफ किसानों की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए। 10. वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से आए लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों यहाँ तक कि मूल निवासियों को जमीन से बेदखल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।
आप से सादर अनुरोध है कि उपरोक्त मांगों पर कार्रवाई करने हेतु केन्द्र व राज्य सरकारों को निर्देशित करने का कष्ट करें।