
झारखण्ड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के केंद्रीय समिति सदस्य महेश सोरेन ने बताया है कि झारखण्ड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ केंद्रीय समिति के संयुक्त सचिव सुशील कुमार पांडेय ने झारखण्ड में कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों के लिए epf, सामाजिक सुरक्षा , बीमा, अनुकम्पा और सरकारी सेवकों के समान देय सभी सुविधाओं को अविलंब मुहैया कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सामाजिक सुरक्षा के अभाव में प्रदेश के कई विभागों के कर्मचारियों के साथ जब कुछ अनहोनी हो जाती है तो उसके आश्रितों को कोई मदद नहीं करता है और न ही सरकारी स्तर पर कुछ लाभ मिलता है। यह पूरे दावे के साथ मैं कह सकता हूँ कि आज पंचायत सचिवालय से लेकर राज्य सचिवालय के 80% कार्यो को अनुबन्ध कर्मी सँभाल रहे हैं। जिनके साथ ये उसी तरह का काम करते हैं। समान पद कोटि के होते हुए भी अनुबंध कर्मियों का देय मासिक मानदेय एक रिटायर्ड पेंशन भोगी सरकारी कर्मियों के भुगतेय राशि का एक चौथाई होता है। कार्य की अधिकता, दबाब सड़क दुर्घटनाओं, गम्भीर बीमारियों और संकट काल की स्थिति से निबंटने के लिए इनके पास कोई आर्थिक, सामजिक और मानसिक मौलिक सहयोग नहीं होते हैं, जिसके कारण अनुबन्ध कर्मी के आश्रितों को संकट काल में बड़े ही कष्टमय जीवन जीना पड़ता है।
बता दें कि पलामू जिला के पंडवा प्रखंड के अनुबंध मनरेगा कर्मी रजनीश कुमार रंजन दिनांक 26 फरवरी को सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गए और गम्भीर हालत में रांची के वेदांता हॉस्पिटल में इलाजरत हैं । इसी तरह विगत वर्ष सोसल ऑडिट के दौरान मसलिया दुमका के आबिधन टुडु की आत्महत्या, देवघर सारवां के संदीप राय, सारठ के अल्लाउद्दीन नामक रोजगार सेवक का ब्रेन हेमरेज प्रकरण में कोई सहायता नहीं मिली। अत: इसी तरह पूरे प्रदेश में अनुबन्ध कर्मियों के साथ होने वाले किसी भी तरह की अनहोनियों की सुरक्षा हेतु सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है, जो इन्हें नहीं मिल रहा है।