बीते 22 अगस्त 2020 शनिवार की सुबह लगभग 10:00 बजे सराइकेला खरसावांँ जिला निमडीह प्रखंड अंतर्गत भंगाट गांव में लगातार बारिश से मिट्टी की दीवार गिर गई। इसकी चपेट में आने से विलुप्त होने के कगार पर आने वाली आदिम जनजाति सबर के 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए और दो बच्चे आकाश सबर, प्रकाश शबर को अंदरूनी चोट लगी है। इनमें सुंदरी सबर मिठुन सबर और जितेन सबर का पैर टूट गया है, वहीं ममता सबर का सिर, रोहन सबर की कमर और लोबिन सबर की नाक में चोट आई है। सभी घायल छह बच्चे अभी एमजीएम जमशेदपुर अस्पताल में है। घटना के वक्त 25 से 30 बच्चे मौजूद थे।
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप महतो बताते हैं कि एनजीओ अंबालिका द्वारा सबर बच्चों के सवांगिण विकास के लिए ”पलाश के फूल” कार्यक्रम के तहत जून 2020 से जून 2021 तक सबर बच्चों को निशुल्क शिक्षा और खाना दिया जा रहा है। संस्था द्वारा काम चलाउ लकड़ी और पतले टीन की चादर से बने झोपड़ी नुमा घर में जो एक मिट्टी के टूटे घर के करीब है में अपना ”पलाश के फूल” कार्यक्रम चला रही है। घटना के वक्त बच्चे खाना खाने के लिए बैठे थे कि सामने के टूटे घर की दीवार ढह गई। जिसमें दबकर ये बच्चे घायल हो गये हैं।
सरायकेला खरसावांँ जिला अंतर्गत 650 के लगभग आदिम जनजाति के सबर परिवार रहता है। सर्वांगीण विकास के नाम पर कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं एनजीओ इन सबरों के बीच लगातार कार्यक्रम करती आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक नीमडीह प्रखंड में एनजीओ अंबालिका के द्वारा 1998 से कार्यक्रम चलाया जा रही है। किंतु आज तक इन सबरों का विकास नहीं हो पाया है,लेकिन सबर के विकास के नाम पर इन संस्थाओं का भरपूर विकास हुआ है। सरकार को विलुप्त होती आदिम जनजाति सबरों के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है किंतु अभी तक पीड़ित परिवार व घायलों से ना स्थानीय विधायक और ना ही जिला अधिकारी ने कोई संज्ञान लिया है।
अनूप महतो
जमशेदपुर