ट्रेड यूनियन संगठन एक्टू द्वारा सभी स्कीम वर्कर्स के राष्ट्रीय मांग दिवस पर यूपी में महिलाओं ने किया प्रदर्शन
ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन( ट्रेड यूनियन ऐक्टू से सम्बद्ध) के राष्ट्रीय आह्वान पर आज उत्तर प्रदेश में ऐपवा ने कोविड-19 के नियमानुसार प्रदर्शन किया एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया गया।
लखीमपुर में आशा वर्कर्स को संगठित कर रही हैं ऐपवा राज्य उपाध्यक्ष आरती राय ने कहा कि कोरोना महामारी में जब लोग अपने घरों में है ऐसे में अपनी जान जोखिम में डालकर फ्रंटलाइनस्कीम वर्कर्स कोरोना महामारी के बारे में गांव- गांव में जागरूकता अभियान चला रही है। ग्रामीणों के टीकाकरण , सर्वे, कोरोना मरीज़ो का डेटा एकत्र करने उनकी लागतार मोनिटरिंग का काम स्कीम वर्कर्स पूरी तन्मयता से कर रही हैं। यह सरकार उनसे काम तो लेना जानती है लेकिन उसका उचित दाम देने से कतरा रही है । इतना ही नहीं उन्हें कोरोना से बचने के लिए न तो जीवन रक्षक किट दी जा रही है और न ही उन्हें मास्क और सेनिटाइजर तक दिया जा रहा है। मेहनतकश स्कीम वर्कर्स (आशा-आशा फैसिलिटेटर,ममता, विद्यालय रसोइया, आँगनबाड़ी आदि) यदि कोरोना संक्रमित हो जा रहे हैं तो यह सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रही है उनका समुचित मेडिकल ट्रीटमेंट भी नही करा पा रही है और न ही उन्हें कोई भत्ता तक नही दे रही है। गौरतलब है कि देश भर में कई कई स्कीम वर्कर्स की मौते हुई है लेकिन उनके परिवार को मुआवजा तक नही दिया गया है।
ऐपवा प्रदेश सह सचिव गीता पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी के दूसरी चरण में भी यह सरकार लगातार आशा, आंगनबाड़ी समेत अभी स्कीम वर्कर्स का शोषण कर रही है। यदि सरकार सही अर्थों में इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स मानती है तो सरकार को चाहिए कि स्कीम वर्कर्स के उचित मानदेय, उनकी सुरक्षा, उनका स्वास्थ्य बीमा और सम्मान को कारगर ढंग से लागू करे। गीता पांडेय ने कहा कि यदि सरकार स्कीम वर्कर्स की मांगों को यदि शीघ्र नहीँ पूरा किया गया तो पूरे उत्तर प्रदेश में ऐपवा पुनः आंदोलन को और तेज करेगी।
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे
★1हजार रु का भीख नहीं, 10हजार मासिक कोरोना भत्ता आशा व फेसिलेटर दोनों को देना होगा।
★50 लाख का जीवन बीमा बिना शर्त लागू करो।
★10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करो।
★सुरक्षा उपकरणों के बिना काम नही करेंगे।
★कोरोना ड्यूटी के लिये आवश्यक उपकरण और साधन दो!
★लंबित बकाए भुगतान शीघ्र किया जाय।
भवदीय,
कुसुम वर्मा
प्रदेश सचिव
ऐपवा (यूपी)