हजारीबाग मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ कोरोना संक्रमित मरीजों ने की भूख हड़ताल

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रांची: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में भर्ती 37 कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने भूख हड़ताल कर दी है. कोरोना पॉजिटिव मरीज हजारीबाग मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ अव्यवस्था की शिकायत कर रहे हैं. भर्ती मरीजों का कहना है कि खाना-पीना सही से नहीं मिल रहा है न ही साफ सफाई की सही व्यवस्था है.

पॉजिटिव मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. साथ ही उन लोगों का कहना है कि 3 मरीज पिछले 20 दिनों से कोविड वार्ड में भर्ती हैं, उनका न तो रीटेस्ट किया गया है न ही उन्हें छोड़ने की तैयारी है. इसको लेकर पॉजिटिव मरीजों ने ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का भी ध्यान खींचने की कोशिश की है. झारखंड में यह पहला मामला है जब कोरोना पॉजिटिव मरीज भूख हड़ताल में चले गये हैं. जबकि, ऐसे समय में भूखे रहना मरीजों की सेहत को प्रभावित कर सकता है.

हजारीबाग में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के भूख हड़ताल से पहले धनबाद में कोरोना संक्रमित पत्रकारों ने भी प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल की थी. धनबाद में एक साथ 23 पत्रकार कोरोना संक्रमित मिले थे. जिसके बाद उनके परिवार वालों की भी जांच की जा रही थी. पत्रकारों ने उस दौरान यह मांग की थी कि उनके परिवार के सदस्यों की घर जाकर सैंपल लिया जाये, पर उन्हें कोविड अस्पताल बुला कर सैंपल लिया जा रहा था. हालांकि बाद में मामले को सुलझा लिया गया था. पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी वीडियो के जरिये स्वास्थ्य विभाग की खामियों को उजागर किया था.

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कोविड-19 वार्ड से भी कोई व्यवस्था की बात सामने आ चुकी है. रिम्स के कोविड-19 वार्ड में टूटे हुए बेड और जमीन पर लेटे हुए मरीज, नग्न अवस्था में बैठे मरीज की भी फ़ोटो वायरल हुई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए जांच कराने को कहा था. हालांकि जांच के बाद बताया गया था कि मरीज खुद से जमीन पर लेटा था. वहीं दूसरे मरीज को मानसिक रूप से बीमार बताया गया था. इसके अलावा प्रशासन की लापरवाही के कारण कोरोना मरीज के भाग जाने की बात तीन बार सामने आ चुकी है.

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