“मधुबन”
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तूफ़ानों का मंज़र है,
मंझधार में है कश्ती,
डूब जायें या तर जायें,
देखें अब कैसा समंदर होगा!
दिन बीतें, पलछिन बीतें,
बीती हैं रतियाँ इन आँखों में,
गहन अंधकार से निकल कर ही,
नया इक़ सूरज फिर उदित होगा!
इन्द्रधनुष की चूनर ओढ़े,
खुशियों का हसीन दामन थामे,
हरी मख़मल का दलान होगा,
सतरँगी वो आसमान होगा!
चारों दिशाओं में सुकूँ की साँस,
बहती हवाओं में ठंडक का एहसास,
अब न कोई गतिरोध होगा,
अब न कोई उदास होगा!
नए सुर-ताल लिखेंगे फिर से,
पानियों पर अपनी अनामिका से ,
मधुरतम संगीत की गूँज होगी,
लहरें अपनी बाहों में होगी!
काँटों पर अब चलना होगा,
पीड़ाओं को हरना होगा,
फिर फूटेंगी कलियाँ और फुनगी,
ऐसा अपना “मधुबन” होगा!!
सीमा चोपड़ा,
दाहोद,गुजरात,
पिनकोड:389160
Seemakapoorchopra@gmail.com
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“ऐ जिंदगी”……
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खुद से मेरा ये वादा है,
ऐ ज़िन्दगी……….!
लम्हे कुछ तेरे चुराने का इरादा है!
सँग तेरे ज़िंदगी बिताने का वादा है!
आधे-अधूरे पड़े हैं ख़्वाब,
ऐ ज़िंदगी………!
सँग तेरे पूरा करने का इरादा है!
सँग तेरे ज़िंदगी बिताने का वादा है!
तुझे भूलने की चाह में कितना जिये हम?
ऐ जिंदगी……..!
तेरे साथ हर वो “याद “ताज़ाकरने का इरादा है!
सँग तेरे ज़िंदगी बिताने का वादा है!
सुरमयी अखियों में बसाया है तुझे,
ऐ ज़िंदगी………!
सपनों में तुझे फ़िर से बुलाने का इरादा है!
सँग तेरे जिंदगी बिताने का वादा है!
उम्मीद है तू,इक आस है तू ,
ऐ ज़िंदगी……!
इस एहसास को जगाने का इरादा है!
सँग तेरे जिंदगी बिताने का वादा है!
ज़िंदगी से लबरेज़ संगीत है तू,
ऐ ज़िंदगी……!
तेरे गीतों को गुनगुनाने का इरादा है!
सँग तेरे ज़िंदगी बिताने का वादा है!
संदली सी मिठास हो,अटूट सा
विश्वास हो,
ऐ जिंदगी……!
रिश्ता ये तुझसे निभाने का इरादा है!
सँग तेरे ज़िंदगी बिताने का वादा है!
सीमा चोपड़ा
दाहोद,गुजरात
पिनकोड:389160
Seemakapoorchopra@gmail.com