जमशेदपुर : करनडीह मुख्य पथ एवं बिरसा चौक साकची में उलगुलान दिवस एवं फातिमा शेख की जयन्ती के मौके पर किसान आंदोलन और ग्राम सभा सशक्तिकरण के पक्ष में जुलूस एवं पथ सभा की गयी । इस कार्यक्रम की पहल साझा नागरिक मंच ने द्वारा की गई और डा. अम्बेडकर एस सी/ एस टी /ओ बी सी / माइनरिटी वेलफेयर कमिटी और गाँव गणराज्य परिषद के साथ मिलकर इसका आयोजन किया गया । इस खुले कार्यक्रम में अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे ।
फातिमा शेख जैसी बड़ी शख्सियत का नाम भी झारखंड में कम लोग जानते हैं । इस कारण इस आयोजन का महत्व बहुत बढ़ जाता है । सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की जोड़ी भारत की पहली शिक्षिका जोड़ी थी । फातिमा सावित्रीबाई की अनन्य सहयात्री थीं । पहला महिला विद्यालय फातिमा शेख के घर में ही कट्टरपंथियों के विरोध के बावजूद चला । 9 जनवरी 1899 को बिरसा विद्रोहियों और अंगरेजी फौजों का सामना हुआ था और बिरसा के अनेक महिला पुरूष साथियों की शहादत हुई थी ।
इस कार्यक्रम की तख्तियों और नारों में किसान आंदोलन के पक्ष में , तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने तथा शहीद किसानों के सम्मान की बातें प्रखरता से गूँज रही थीं ।
उलगुलान दिवस एवं फातिमा शेख की जयन्ती के मौके पर किसान आंदोलन और ग्राम सभा सशक्तिकरण के पक्ष में जुलूस एवं पथ सभा की गयी ।
कार्यक्रम में कुमार चन्द्र मार्डी , सुजय राय , अशोक शुभदर्शी , तापस चट्टराज , विजेन्द्र शर्मा , मनोहर मंडल , बबलू , श्याम किशोर , शंकर नायक , सुरेन्द्र , सोमाय , धर्मराज , डेमका सोय , बी एन प्रसाद , रविन्दर प्रसाद ,गणेश राम , काशीनाथ प्रजापति , सुरेश प्रसाद , मदन मोहन , ओमप्रकाश , अरविन्द अंजुम , निशांत अखिलेश , बाबु नाग , दीपक रंजीत , मोती चन्द , शैलेन्द्र अस्थाना , जगत , कुमार दिलीप , मंथन एवं अन्य साथियों की उल्लेखनीय भागीदारी रही ।