







रांची / विशद कुमार
लातेहार जिला मुख्यालय में सामाजिक मानवधिकार कार्यकर्ता ,
फा0 स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी खिलाफ मानव अधिकार रक्षा मंच के नेतृत्व में विभिन्न जन संगठनों, राजनीतिक संगठनों द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता मंच के संयोजक सुरेश कुमार उरांव, संचालन झामुमो के लातेहार के केंद्रीय सदस्य सह प्रवक्ता दीप कुमार सिन्हा ने की। धरना के बाद राष्टपति के नाम उपायुक्त को पांच सूत्री मांग पत्र सौपा गया।
धरना को संबोधित करते हुए फादर जॉज मॉनिपोली ने कहा कि हम झारखण्ड राज्य में 4 दशकों से मानवाधिकारों और आदिवासियों/मूलवासियों के जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए संघर्षरत 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को एन0 आई0 ए0 द्वारा 8 अक्टूबर 2020 को की गयी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान एक उम्रदराज व्यक्ति को, जिन्हें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हैं, की गिरफ़्तारी पूर्णत: अमानवीय है। हमारी स्पष्ट मान्यता है कि भीमा कोरेगांव केस मोदी सरकार द्वारा एक आधारहीन और फर्जी मुकदमा है। ईप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह जन विरोधी और कारपोरेट परस्त है। जन हक की बात करने वाला हर व्यक्ति को मोदी सरकार अपना दुश्मन मानते हुए किसी भी स्तर तक जाकर षड्यंत्र कर सकती है। इसी षड्यंत्र के तहत झारखंड के शोषितों की आवाज स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी हुई है। यह केवल एक व्यक्ति की गिरफ़्तारी नहीं बल्कि झारखंड में मानवाधिकार व संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों पर सीधा हमला है। झामुमो के जिला अध्यक्ष लाल मोतीनाथ शाहादेव ने कहा झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व की सरकार लोगों के अधिकारों के साथ हमेशा खड़ा रहेगी, फादर स्टेन स्वामी के गिरफ्तारी के लिए केंद्र की दमनकारी सरकार की निंदा करते हैं, क्योंकि केन्द्र सरकार एनआईए और सीबीआई के द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने के इस्तेमाल कर रही है, मगर इसके खिलाफ जेएमएम हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहेगी। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुनव्वर उरांव ने कहा की दशकों से झारखंड में आदिवासियों और जल, जंगल, जमीन तथा विस्थापन के विरोध में शांतिमय रूप से सक्रिय 84 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को बिना शर्त रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि इनकी गिरफ्तारी से यह साबित हो गया कि केंद्र सरकार दमन कर शासन करना चाहती कांग्रेस पार्टी हमेशा लोगों के अधिकार के आंदोलन व संघर्ष करती रहेगी। धरना को सीपीआई के केडी सिंह ने कहा कि भीमा कोरेगांव फर्जी मुकदमें में फंसाए गए अन्य सामाजिक कार्यकर्त्ताओं को सरकार झूठे मुकदमे फंसा कर व डरा कर शासन करना चाहती है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि UAPA जैसे अन्य काले कानूनों का दुरूपयोग कर केंद्र सरकार शासन करना चाहती है। क्योंकि देश के सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी है, इसके लड़ने की जरूरत है।
वरिष्ठ नेता अयुब खान, प्रमोद साहु, विक्टर केरकेट्टा, समतुल्य होदा, झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन के समशुल होदा, अधिवक्ता कमर खान, इप्टा पलामू के रविशंकर, शशि, संजीव, जेम्स हेरेंज, माले के गोपाल जी, भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष विरेंद्र कुमार, कालेश्वर कुमार यादव, झामुमो लातेहार के प्रेम गंझू, मनोज चौधरी, सरफराज़, असगर अली, आर्जन उरांव, रतिब खान, सामाजिक कार्यकर्ता बलराम उरांव, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के शिवशंकर प्रसाद, बरवाडीह के मुखिया सुनिता टोप्पो सहित कई लोगों ने धरना स्थल को संबोधित किया। कार्यक्रम में पलामू ईप्टा के साथियों ने जनवादी गीतों के माध्यम से फादर स्टेन स्वामी को रिहा करने की मांग की।
कार्यक्रम में रोमी एक्का, लाल बिहारी सिंह, प्रेमा तिग्गा, दिलिप रजक, जितेंद्र सिंह, पचास सिंह सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।