बिजली संशोधन बिल के विरोध में रोष प्रदर्शन 16 को
10 अगस्त 2022, लुधियाणा। कारखाना मज़दूर यूनियन, टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन और नौजवान भारत सभा ने मोदी हुकूमत द्वारा पेश बिजली संशोधन बिल का सख्त विरोध करते हुए इसे तुरंत रद्द करने की माँग की है। संगठनों द्वारा 16 अगस्त को लुधियाणा में रोष प्रदर्शन करके बिजली संशोधन बिल की प्रतियाँ जलाई जाएँगी। रोष प्रदर्शन दोपहर 1 बजे समराला चौक पर किया जाएगा।
संगठनों की ओर से संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविंदर ने कहा है कि प्रस्तावित बिजली संशोधन कानून के जरिए मोदी हुकूमत देशी-विदेशी पूँजीपतियों के फायदे के लिए बिजली क्षेत्र के निजीकरण के बड़े स्तर पर अंजाम देना चाहती है। इससे जनता को बिजली और ज्यादा महँगाई मिलेगी। इस क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्तों आदि सहूलतों में कौटती होगी। उनकी बड़े स्तर पर छँटनी की जाएगी। यह कानून भारत के पूँजीवादी हुक्मरानों द्वारा लागू की जा रही निजीकरण-उदारीकरण की घोर जनविरोधी नीतियों का अंग है जिससे पूँजीपति वर्ग की सभी पार्टियाँ सहमत हैं. उनकी केंद्र और राज्य सरकारें इन नीतियों के धड़ाधड़ लागू कर रही हैं जिसमें भाजपा की सरकारी सबसे आगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली का मसला संविधान की समवर्ती सूची में आता है। मोदी हुकूमत इस कानून के जरिए राज्यों से बिजली क्षेत्र संबंधी अधिकार छीनना चाहती है। मोदी हुकूमत की केंद्रवादी नीति का सबसे अधिक नुकसान मेहनतकश जनता को हो रहा है। संगठनों ने सभी मेहनतकश लोगों को मोदी हुकूमत के इस जनविरोधी कानून के प्रस्ताव को रद्द कराने के लिए जोरदार संघर्ष का आह्वान किया है।