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नशे की लत के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव 

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नशे की लत :                                                                                                                                                                                        नशे की लत होना एक बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित कर सकती हैं । नशे की लत सामाजिक माहौल में खुद की संतुष्टि के लिए नशीले पदार्थों के उपयोग से शुरू हो सकते हैं । कुछ पदार्थ जैसे अल्कोहल , गांजा और निकोटिन को भी नशे के रूप में ही माना जाता है। जब आप इनके आदी हो जाते हैं तो इनके कारण होने वाले नुकसानओं को जानने के बावजूद भी इनका उपयोग जारी रखते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में ओपिओइड्स से पूर्ण नशीले पदार्थों की लत किसी के द्वारा बताने और स्वयं के द्वारा उनका सेवन करने से प्रारंभ होती है। देखा जाता है कि शुरुआती दौर में कोई दोस्त या फिर इस जान को लेने की सलाह देते हैं।आप कितनी तेजी से इन दवाओं के आदि होते हैं। जैसे जैसे समय बीतता जाता है । आपको इन नशीले पदार्थों की अधिक खुराक की आवश्यकता होती रहती है और धीरे-धीरे बहुत जल्द ही आपको बेहतर महसूस करने के लिए इसकी जरूरत होने लगती है। जैसे ही आप इनका उपयोग बढ़ाते हैं । आपको लगता है कि इसके बिना आप का रहना मुश्किल हो जाएगा नशीले पदार्थों के प्रयोग को रोकने के प्रयास में आप खुद को शारीरिक रूप से भी बीमार महसूस करते हैं और कमजोर महसूस करते हैं ।आपको नशीले पदार्थों की लत से दूर करने और नशीली दवाइयों से मुक्त रहने के लिए अपने डॉक्टर, पारिवारिक सदस्य, मित्रों से मदद लेने की आवश्यकता होती है।

नशे की लत के प्रकार- 

शराब का सेवन मस्तिष्क और शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
सिगरेट और तंबाकू की तरह अन्य रूपों में निकोटीन लेना नशे की लत को बढ़ाता है।
गांजा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला अवैध नशीला पदार्थ है।
आमतौर पर नींद के लिए या चिंता को कम करने के लिए डिप्रेसेट दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
कोकीन और हेरोइन यह भी नशे के प्रकार हैं।

नशे की लत के लक्षण- 

        • वाहन चलाना इस तरह के जोखिम भरे काम नशे में होने के बावजूद भी करना।
        • शारीरिक नुकसान हो जाने के बाद भी इस तरह के नशे को करते रहना।
        • नशा बंद करने की स्थिति में आप इसके लक्षणों को कम होता पाते हैं।
        • नियमित रूप से नशे का उपयोग करने की इच्छा होना पूरे दिन में एक या कई बार।
        • नशे की लत के कारण अपने दायित्व, कामों की जिम्मेदारियों व सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना।
        • दोस्तों के साथ व्यवहार में परिवर्तन होता है।
        • धन की परेशानी बिना उचित्र बात कहे पैसे के लिए अचानक किसी से अनुरोध करना यह भी एक लक्षण है।
        • नशा करने के अलावा किसी भी बात के बारे में ना सोचना।
        • ड्रग हासिल करने के लिए चोरी जैसे काम भी करना जो आमतौर पर नहीं करते हैं।

नशे की लत के कारण :

घर में योन या शारीरिक शोषण हालातों का ठीक ना होना यह सभी स्थितियां मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा करती हैं जिन से बचने के लिए लोग खुद से ही कुछ दवाई ले लेते हैं खुद से दवा लेना ही नशे की लत का कारण बनता है नशे की लत के अन्य मनोवैज्ञानिक कारणों में और भी शामिल है आईये जाने इनके बारे में जाने:-
मानसिक रूप से स्वस्थ ना होना जैसे तनावग्रस्त हो ना , दूसरों के साथ जोड़ने में मुश्किल हो ना, ऐसे दोस्त बनाने में मुश्किल होना, कार्यस्थल पर, स्कूल में खराब प्रदर्शन करना , तनाव को दूर करने में मुश्किल हो ना यह सभी कारण है नशे की लत के।
आसपास के माहौल के कारण नशे की लत के कारण और भी हैं जैसे व्यक्ति के आसपास का माहौल भी नशे की लत का कारण बन सकता है । जहां नशा लेना स्वीकार्य है और लोग नशा करते हैं । वहां पर बच्चों में भी जल्द नशाखोरी के लक्षणों बना सकते हैं । घरों में मौजूद नशे के आदी बड़ों को देख देखकर बड़े होते बच्चे खुद भी इसके आदी हो जाते हैं।अधिकांश नशीली दवाइयों और नशीले पदार्थों का प्रयोग किशोरावस्था में ही शुरू हो जाए जो अपने अपमानजनक स्थिति या माता-पिता की उपेक्षा चाहते हैं धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के आदी हो जाते हैं । नशे की लत के लिए जिम्मेदार कौन कौन से कारण है इसके बारे में जाने:
नशे की लत कई परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। अनुमान से कारण भी नशे की लत की वजह हो सकते हैं। नशे की लत के कारण वे अपना योगदान भी देते हैं।

नशे की लत के बचाव के उपाय:- 

नशे की लत को कैसे रोके, नशे की लत को रोकने के लिए किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण समय क्यों है? लिए  गए प्रयास लंबे समय तक चल सकते हैं। नियंत्रित करने में बाधा भी उत्पन्न कर सकता है।  इनको आप आसानी से बदल नहीं सकते। वैसे तो इस लत को रोकने का कोई भी तरीका ऐसा नहीं है जो असफल हो इनके समारोह में शराब का जरूरी सेवन करें।
युवावस्था में नशे से बचें जो लोग अपने शुरुआती किशोरावस्था में शराब पीने या नशीली दवा का इस्तेमाल करते हैं वे अपनी बाद की जिंदगी में इसके आदी हो जाते हैं।
*मनोवैज्ञानिक द्वारा मूल्यांकन शामिल होता है।
*रक्त मूत्र या अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों का उपयोग दवा के उपयोग को आंकलन के लिए किया जाता है । लेकिन इनमें से किसी जांच के लिए नहीं है। हालांकि इन परीक्षणों का इस्तेमाल किया जाता है , लेकिन यह नशे की जांच के लिए नहीं है। हालांकि परीक्षण का इस्तेमाल और चारों दवा और दोबारा ठीक होने की स्थिति की निगरानी के लिए किया जाता है।

विषहरण :

    यह प्रक्रिया इसके द्वारा शरीर से विशष पदार्थ को बाहर निकाला जाता है।
*अवसाद और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के लिए मूल्यांकन और उपचार।
*दवा :- दवाओं के उपयोग से इसके लक्षणों में दोबारा स्थिति पैदा करने वाले कारकों को कम किया जा सकता है।
*इलेक्ट्रो होम्योपैथीक चिकित्सा पध्दति में इसकी सफल चिकित्सा है साथ ही शरीर पर बिना नुकसान किये ही हमेशा हमेशा के लिये किसी भी नशा से छुटकारा मिल जाता है S1 की 10 बून्द प्रत्येक नास्ता व भोजन के पहले पानी में मिलाकर ले तथा नास्ता व भोजन के तुरंत बाद S10 की 10 बूंद एक कप पानी में डालकर ले इस दवा से नशा की आदत को दूर कर उससे हुए नुकसान को ठीक के देता है*
नशे की लत के जोखिम और जटिलताएं:- 
1- एचआईवी।
2-हेपेटाइटिस बी और सी।
3-फेफड़ों की बीमारी।
4-हृदय रोग।
5-मानसिक विकार।
6-कैंसर आदि
नशे की लत क्या मानसिक विकार का कारण होता है?
 नशे की और मानसिक बीमारी अक्सर एक-दूसरे से जुड़ी होती है कुछ मामलों में मानसिक विकार जैसे की चिंता या अवसाद नशे की पहले हो सकते हैं जबकि अन्य मामलों में नशे से मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
नशे की लत अन्य लोगों को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं?
नशे के आदी हो चुके व्यक्ति के शरीर पर कई अन्य हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं । नशे की लत में यह परेशानी तेजी से होती है । जैसे शिशुओं और बच्चों पर प्रसव पर्व इसके के दुष्प्रभाव होना।
नशे की लत का शारीरिक प्रभाव-
 नशे की लत के अन्य साधनों में शामिल है।
*हृदय दर में अनियमितताएं में दिल का दौरा*
*पेट में दर्द , उल्टी, कब्ज डायरिया*
*बदलाव और नींद के रूटीन में परिवर्तन होना।

मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव:- 

कुछ दवा खेल लंबे समय तक इस्तेमाल से दिमाग में छोटे और बड़े परिवर्तन होने लगते हैं। इसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। लंबे समय तक इस्तेमाल से मस्ती के कार्य में परिवर्तन भी हो सकते हैं जैसे सीखने में परेशानी , निर्णय पर पहुंचने पर तनाव होना, याददाश्त कम होना और व्यवहार में परिवर्तन होना, यह सभी प्रभाव पड़ते हैं।

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