
वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित ट्रॉमा सेन्टर में 28 फरवरी 2022, को एक बच्ची को भर्ती किया गया था। बिहार के रोहतास ज़िले के करगहर की रहने वाली यह बच्ची 8 वर्ष की उम्र में स्कूल में गिर गई थी, जिससे उसकी सर्वाईकल स्पाइन में गंभीर चोट आई थी और रक्तस्राव हुआ था।
शुरुआती इलाज में उसे पास के क्लिनिक में टांके लगाए गए। इसके बाद भी बच्ची की हालत में सुधार देखने को नहीं मिला था। उसकी कमज़ोरी बढ़ती चली गई और चलने फिरने में दिक्कत आने लगी। बिहार स्थित सासाराम के अस्पताल में मरीज़ का सीटी-स्कैन और एमआरआई करने के पश्चात चिकित्सकों ने ऑपरेशन का सुझाव दिया।

इसके बाद मरीज को 28 फरवरी, 2022, को ट्रॉमा सेंटर, बीएचयू, में लाया गया था। बच्ची को न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रो. कुलवंत की निगरानी में भर्ती किया गया। अप्रैल 2022 में ट्रॉमा सेन्टर स्थित न्यूरो ओटी में बच्ची का ऑपरेशन किया गया, जिसके बाद उसे गहन चिकित्सा इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया और वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया। सर्जरी के बाद यह बच्ची लगभग 8 महीने से वेंटीलेटर सपोर्ट पर रही और कोई गतिविधि नहीं कर पा रही थी। लेकिन चिकित्सकों की मेहनत, बेहतरीन उपचार व देखभाल के चलते बच्ची की हालत में काफी सुधार हुआ है और अब उसे 1-2 घंटे के लिए रुक-रुक कर ही वेंटीलेटर सहायता की आवश्यकता होती है।

एनेस्थीसिया विभाग की प्रो. कविता ने बताया कि बच्ची न सिर्फ अपने माता पिता से संवाद कर पा रही है, बल्कि खाना भी खा रही है तथा व्हील चेयर की सहायता से गतिविधि भी कर पा रही है। उन्होंने बताया कि यह एक दुर्लभ मामला है जिसमें मरीज़ की इच्छाशक्ति और जज़्बे तथा चिकित्सकीय देखभाल और इलाज से आश्चर्यजनक रूप से बच्ची की हालत में सुधार देखने को मिला है।