आज दिनांक 15.10.2020 को बीएचयू की छात्र-छात्राएं सेंट्रल ऑफिस पर धरने पर बैठ गए हैं।
हॉस्टल , लाईब्रेरी व कक्षाएं नियमित रूप से खुलवाने की मांग को लेकर यह धरना किया जा रहा है। छात्र- छात्राओं की मांग है कि देश भर में अब रेल, हवाई यात्रा,व्यावसायिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक क्षेत्र इत्यादि सारी की सारी गतिविधियां संचालित हो रही है तो फ़िर क्यों शैक्षणिक संस्थान जो देश निर्माण में सबसे अधिक भूमिका निभाते है, महीनों से बंद है। जब छात्र पढ़ना चाहते हैं तो क्यों उन्हें पढ़ने से रोका जा रहा है!
सरकार दारू के ठेकों को खोलने में अपनी प्राथमिकता दिखा रही है जबकि विश्वविद्याल खोलना उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मसला है।
बीएचयू प्रशासन भी एन्ट्रेंस एग्जाम वगैरा करवा चुकी है और गैर-अकादमिक गतिविधियां बीएचयू में सुचारू रूप से चल रही है। बस छात्रों को विश्विद्यालय और पठन-पाठन से दूर कर छात्रों पर मानसिक दवाब बना कर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इसलिए जब तक हॉस्टल नहीं खुलती है तब तक सेंट्रल ऑफिस को ही अस्थाई हॉस्टल और लाइब्रेरी बनाकर रहेंगे।
इसी मुद्दे पर भारी संख्या में छात्र- छात्राओं ने सेंट्रल ऑफिस पर ‘डेरा डालो, घेरा डालो’ नारे के तहत भारी संख्या में धरने पर बैठ गए हैं। इस बीच नारेबाजी की गई और गीत-ग़ज़ल भी गाये गएँ।। साथ ही चेतावनी भी दी गयी कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गयी तो कल से सेंट्रल ऑफिस का काम-धाम सब ठप कर दिया जाएगा। छात्रों ने कहा है कि आज रात को वो खाना पीना भी यही करेंगें।
मौके पर शिवम,अंकित, नीतीश, सुमित, लोकेश, शुभम, सिद्धि, शिवम, राहुल, दीपक,अर्जुन,सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं धरने पर हैं।