खेग्रामस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का सर्कुलर

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खेग्रामस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 16 अगस्त, 2020 को जूम ऐप के माध्यम से इस तरह की पहली बैठक की। बैठक की शुरुआत मे दुनिया भर में कोरोना पीड़ितों के प्रति शोक प्रकट किया गया और देश भर में क्रांतिकारी ,सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के साथियों के निधन पर श्रद्धांजलि दी गयी।
बैठक की अध्यक्षता खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड श्रीराम चौधरी ने की। खेग्रामस महासचिव कॉम धीरेंद्र झा ने बैठक का विस्तृत एजेंडा रखा।बैठक में खेग्रामस के सबसे वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉम स्वदेश भट्टाचार्य भी मौजूद थे।
बैठक का सारांश और निर्णय नीचे दिए गए हैं:-
बैठक में कई राज्यों, पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्रप्रदेश, असम, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की रिपोर्टों में संबंधित राज्यों के साथियों ने लॉकडाउन की स्थिति के अंदर ली गई पहल और अनुभव साझा किए। खासकर प्रवासी मजदूरों, पीडीएस और माइक्रोफाइनेंस आदि के सवाल पर खेग्रामस के साथियों द्वारा ली गयी पहलकदमी का कार्यकारिणी द्वारा स्वागत किया गया। बैठक में 1 से 7 मई के रास्ट्रीय अभियान और कर्ज मुक्ति अभियान पर भी रिपोर्ट सुनी गई।
विभिन्न राज्यों की रिपोर्टों के अनुभव के आधार पर बैठक में 16 अगस्त से 15 सितंबर तक एक महीने की अवधि का अभियान तय किया गया है। बिना किसी योजना के क्रूरता पूर्वक किये गए लॉक डाउन के कारण दिन-ब-दिन भुखमरी और अर्ध-भुखमरी से हालात खराब होते जा रहे हैं, रोजगार की कमी से ग्रामीण आबादी प्रभावित हो रही है। हमें गांवों में ग्रामीण गरीबों और विभिन्न मेहनतकशों के मांगों के पक्ष में मजबूती से खड़ा होना है। हमे जनता के बीच अभियान चला सरकार पर दबाव बना युद्धस्तर पर राहत अभियान में लगना होगा।
इस अभियान का जोर गाँव-गाँव में हर घर जाकर टोले के हर परिवार से मिलना हमारे मास-कैंपेन का शुरुआती बिंदु होना चाहिए।
इस क्रम में 31अगस्त को प्रखण्ड मुख्यालय और 15 सितंबर को जिला स्तरीय जिला मुख्यालय पर आंदोलन करना है।
भागीदारी के उद्देश्य से बिना हाथ छुए शारीरिक दूरी का पालन करते मानव श्रृंखला वगैरह कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। हर राज्य कोरोना से संबंधित सावधानी यथा- शारीरिक दूरी व मास्क पहनना का पालन करते हुए अपनी परिस्थितियों के आधार पर आंदोलन के अपने रूप तय कर सकते हैं। हमारे सभी आंदोलन में अवश्य ही सभी नारों और मांगो को पोस्टर और तख्तियों पर लिख प्रदर्शित करना चाहिए। आंदोलन में हमें इन 5 बिंदुओं को खासकर उठाना चाहिए:-

1 सभी प्रवासी, मनरेगा और सभी किस्म के ग्रामीण श्रमिकों को कोरोना लाकडाउन भत्ता के बतौर 10,000 रुपया दिया जाय।
2 मनरेगा के दायरे को बढ़ाते हुए सालो भर प्रति परिवार को 200 दिन का काम और 500 रुपया दैनिक मजदूरी दे। मनरेगा के अंदर शहरी श्रमिकों को भो काम दें और इसे कृषि कार्यों से से भी जोड़ काम उपलब्ध कराएं।
3 सभी गरीब परिवारों हेतु मुफ्त राशन सहित दाल, तेल, मसाले, साबुन और मास्क भी मुफ्त वितरित करें।
4 जीविका समेत सभी स्वयं सहायता समूहों द्वारा महिलाओं को दिए हए कर्ज के अलावा बटाईदारों और किसानों द्वारा लिए हुए के सी सी और अन्य कर्ज़ों की वसूली पर रोक लगाएं और इन कर्ज़ों को माफ करें।

5 नफरत और विभाजन की राजनीति के खिलाफ सांप्रदायिक सदभाव और वर्ग एकता के पक्ष में खड़े हों। हाशिये पर के समूहों और गरीबों को वंचित करने वाले मोदी सरकार की नई आर्थिक नीति का विरोध करें।सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, यानी रेलवे, बैंकों, डिफेन्स सहित देश के प्राकृतिक संसाधनों की बिक्री का भी विरोध करें। किसान और पर्ववरण विरोधी एनभयरोंमेंटल इम्पैक्ट एसेसमेंट अध्यादेश 2020 (EIA2020) का विरोध करें।
इस अभियान को लागू करने के लिये खेग्रामस की सभी राज्य इकाइयां डिजिटल विकल्पों (ज़ूम, गिट्स आदि) का उपयोग करके अपनी राज्य की बैठकें आयोजित करें। खेग्रामस की सभी गांव, टोला व पंचायत स्तर की इकाइयों को समुचित सुरक्षा उपायों को अपना शारीरिक रूप से बैठक करना चाहिए। राज्य इकाइयों से अनुरोध है कि अभियान की रिपोर्ट भी अवश्य करते रहें।

धीरेंद्र झा
महासचिव
खेग्रामस,

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