दीपक रंजीत
जमशेदपुरः जमशेदपुर जिले के देवघर पंचायत के अंतर्गत तुरियाबेड़ा गांव के टोला बुरूसाई के ग्रामीणों ने देवघर गांव के विजय सिंह मुंडा को वनाधिकार कानून 2006 के तहत आवंटित जमीन पर जेसीबी द्वारा हो रहे निर्माण कार्य को जाकर काम रुकवाया।
मौके पर उपस्थित ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि देवघर मौजा और तुरिया बेड़ा मौजा के अंतर्गत आता है जिसमें कि देवघर पंचायत के ग्राम प्रधान की ज़िम्मेदारी है कि जब वन भूमि पट्टा दिया जा रहा था उस समय तुरिया बेड़ा के ग्रामीण और बुरूसाई के ग्रामीणों और ग्राम प्रधान को सूचना दिया जाना चाहिए लेकिन तुरियाबेड़ा ग्रामसभा को कोई सूचना नहीं दी गई।
ग्रामीणों का कहना है कि वनाधिकार कानून के तहत मिलने वाले ज़मीन का नेचर नहीं बदल सकते है लेकिन ज़मीन का नेचर जो अभी वनभूमि है उसे जेसीबी द्वारा प्लेन किया जा रहा है और उसमें औद्योगिक डस्ट गिराया जा रहा है जो कानून के खिलाफ है।
कानून के अनुसार वन अधिकार कानून के तहत मिलने वाले व्यक्ति को जमीन का पट्टा देने का प्रावधान है कि वन भूमि पर आश्रित होना चाहिए लेकिन जिसे ज़मीन अंवटित किया गया है वह बड़ा व्यापारी है बहुमंजिला इमारत में रहता है।
जबकि तुरियाबेड़ा के ग्रामीण उक्त जमीन पर वर्षों से इस भूमि पर खेलते और उस भूमि का उपयोग ग्रमीण अपने गाय बैलों को चराने के रूप में करते आ रहे हैं और उसी जमीन पर तुरियाबेड़ा ग्राम सभा का फुटबॉल मैदान भी जिसमे ग्रामीण फुटबॉल खेलते है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह जो भूमि आवंटित किया गया है वह पूरी तरह से वनाधिकार कानून के खिलाफ है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह वनभूमि रघुवर सरकार के समय में आबंटित किया गया है। जिसमे व्याप्त गड़बड़ी की आशंका है। कानून के कई प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। इसलिए ग्रामीण उक्त जमीन का उच्चस्तरीय जांच करने का मांग कर रहे।
ज्ञात हो कि यह जमीन रघुवर सरकार के समय 2016 को 15 अगस्त को रांची से आवंटित की गई थी।