19 नवंबर 2020, लुधियाना। देश भर की ट्रेड यूनियनें 26 नवंबर को मोदी हुकूमत की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ रोष प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब और टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब द्वारा भी लुधियाना में रोष प्रदर्शन किया जाएगा। यह जानकारी दोनों संगठनों की ओर से टे.हौ.क.यू. अध्यक्ष राजविंदर सिंह द्वारा जारी प्रेस ब्यान में दी गई है।
संगठनों का कहना है कि मोदी हुकूमत ने श्रम कानूनों में संशोधन करके मज़दूर वर्ग के यूनियन बनाने, हड़ताल करने, न्यूनतम वेतन, आठ घंटे कार्यदिवस आदि संबंधी कानूनी श्रम अधिकारों पर बड़ा हमला किया है। कृषि कानूनों के तहत निजी कंपनियों को कृषि क्षेत्र में खुली छूटें देकर कालाबाजारी-जमाखोरी को बढ़ावा देने, महँगाई बढ़ाई, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खात्मा करने, एफ.सी.आई., पनसप जैसे सरकारी अदारों से बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छँटनी का रास्ता खोल दिया गया है। प्रस्तावित बिजली संशोधन कानून के जरिए बिजली क्षेत्र में निजीकरण को कहीं अधिक बढ़ाने, सरकारी कर्मचारियों की छँटनी, बिजली महँगी करने की पूरी तैयारी है। कृषि और बिजली कानून राज्यों के अधिकारों पर भीषण हमला हैं। मोदी हुकूमत राज्यों के अधिकार छीनकर ताकतों का केंद्रीकरण कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि तमाम क्षेत्रों में मोदी हुकूमत देशी-विदेशी पूँजीपतियों के पक्ष में घोर जनविरोधी-मज़दूर विरोधी नीतियाँ लागू कर रही है। मोदी हुकूमत सरेआम आर.एस.एस. की हिंदुत्वी कट्टरपंथी एजंडे को आगे बढ़ाने में लगी हुई है। इस सबके खिलाफ़ 29 नवंबर को जोरदार आवाज़ बुलंद की जाएगी।
जारी कर्ता-,
राजविंदर सिंह,
अध्यक्ष, टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन